रोमानिया के रहस्यमय जीवित पत्थर, जो प्रजनन करके बढ़ाते हैं अपनी संख्या
आपने अपने आस-पास कई तरह के पत्थर देखे होंगे, जिनके आकर और रंग एक दूसरे से अलग होते हैं। हालांकि, क्या अपने कभी हिलने और चलने-फिरने वाले पत्थरों के बारे में सुना है? आज हम आपको ऐसे विचित्र और रहस्यमय पत्थरों के बारे में बताएंगे, जो असल में जीवित हैं। यूरोप स्थित रोमानिया के ये अनोखे पत्थर खुद-ब-खुद बढ़ते हैं और चलते भी हैं। इन जीवित पत्थरों ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को हैरान कर डाला है।
इन जीवित पत्थरों का कहा जाता है ट्रोवंत्स
रोमानिया के इन रहस्यमय पत्थरों को ट्रोवंत्स कहा जाता है, जो कि कॉस्टेटी नामक शहर में पाए जाते हैं। प्रकृति के इस अद्भुत अजूबे को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक और वैज्ञानिक रोमानिया पहुंचते हैं। रोमानियाई भाषा में ट्रोवंत्स नाम का मतलब होता है 'बढ़ते पत्थर', जो इन पत्थरों का बिलकुल सटीक विवरण है। ट्रोवंत्स सैंडस्टोन की परत से घिरे एक कठोर पत्थर के कोर से बने होते हैं।
प्रजनन करके अपनी संख्या बढ़ाते हैं ये पत्थर
ये पत्थर देखने में किसी सामान्य पत्थर जैसे ही लगते हैं, लेकिन समय के साथ इनका आकार बढ़ जाता है और यह अपनी जगह से हिलते भी रहते हैं। इसी कारण लोगों ने इन्हें जीवित पत्थर कहना शुरू कर दिया था। माना जाता है कि ये पत्थर प्रजनन करके अपनी संख्या भी बढ़ा लेते हैं। इन सभी जीवित पत्थरों के आकार भिन्न होते हैं, जो छोटे कंकड़ों से लेकर बड़े पत्थर तक हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने बताई इन पत्थरों के बढ़ने की असल वजह
वैज्ञानिकों ने इन जीवित पत्थरों के रहस्य की तेह तक जाने के लिए इनपर कई तरह के प्रयोग किए। खोज से सामने आया कि ये एक ऐसी प्रक्रिया से बढ़ते हैं, जिसमें रेन वॉटर से खनिजों का अवशोषण शामिल होता है। जब कैल्शियम कार्बोनेट और अन्य खनिजों वाला पानी पत्थर के संपर्क में आता है, तो यह सतह पर ठोस हो जाता है। समय के साथ इसकी परतें जमने लगती हैं, जो इन पत्थरों के आकार को बढ़ा देती हैं।
क्या ये जीवित पत्थर वाकई में करते हैं प्रजनन?
हर 1000 साल में इन पत्थरों के आकार में 1.5-2 इंच की वृद्धि देखी जाती है। वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के जरिए इन पत्थरों के प्रजनन करने के रहस्य को भी सुलझा दिया। भारी बारिश के बाद बड़े पत्थरों की सतह पर छोटे पत्थर बनते हैं, जिन्हें माइक्रोट्रोवंत्स कहा जाता है। ये छोटे पत्थर समय के साथ टूट जाते हैं और स्वतंत्र रूप से बढ़ते रहते हैं। इस प्रक्रिया के कारण ही लोग मानने लगे हैं कि ट्रोवंत्स प्रजनन करते हैं।
5.3 मिलियन वर्ष पहले शुरू हुआ था इन पत्थरों का निर्माण
वैज्ञानिकों का मानना है कि ट्रोवंत्स का निर्माण लगभग 5.3 मिलियन वर्ष पहले मध्य मियोसीन उप-युग के दौरान हुआ था। जिस क्षेत्र में ये पाए जाते हैं, वह कभी प्राचीन समुद्री वातावरण था। यह स्थान पत्थरों के अंदर की बाइवाल्व और गैस्ट्रोपॉड जीवाश्मों की उपस्थिति के सबूत पेश करता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सहस्राब्दियों से आए भूकंपों और अन्य भूवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं के कारण ही इन पत्थरों को उनका वर्तमान रूप मिला है।