द्वितीय विश्व युद्ध की सैकड़ों सैन्य वस्तुओं की होगी नीलामी, सूची में शामिल हैं ये चीजें
साल 1939-1945 तक चलने वाला द्वितीय विश्व युद्ध एक खतरनाक सशस्त्र संघर्ष था। यह युद्ध जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, सोवियत संघ व चीन के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध को खत्म हुए 74 साल हो चुके हैं, लेकिन अब भी इससे जुड़ी कई चीजें दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में मिलती रहती हैं। इसी कड़ी में अब ग्वेर्नसे में विश्व युद्ध 2 से संबंधित 100 से ज्यादा वस्तुएं पाई गई हैं, जिन्हें जल्द ही नीलाम किया जाएगा।
एक घर की सफाई के दौरान मिली हैं ये नायाब वस्तुएं
ये सभी वस्तुएं ग्वेर्नसे के एक घर की सफाई के दौरान पाई गई हैं। बता दें ग्वेर्नसे इंग्लैंड के समुद्र में स्थित एक द्वीप है, जो पहले जर्मनी के शासन में था। अब ग्वेर्नसे के एक नीलामी घर के द्वारा इन वस्तुओं को नीलाम किया जाएगा। इस नीलामीघर से संबंधित डेविड मोंटगोमरी नामक व्यक्ति ने कहा, "यह निश्चित रूप से आश्चर्य की बात थी। खोजी गई वस्तुओं की संख्या उम्मीद से कई ज्यादा है।"
ऑनलाइन कराई जाएगी इन वस्तुओं की नीलामी
नीलामी में दर्जनों गोलियों के खोखे, 1940 के दशक की सिग्नल नामक जर्मन पत्रिका, फील्ड टेलीफोन, गैस मास्क और खाली मास्क कंटेनर समेत कई अन्य चीजें शामिल की गई हैं। इन सैन्य वस्तुओं की नीलामी केवल ऑनलाइन हो रही है और डेविड ने बताया है कि इन्हें खरीदने के लिए यूके, जर्मनी, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया से लोगों ने पहले ही दिलचस्पी दिखाना शुरू कर दिया है। इन वस्तुओं में ग्रीस में बनी कई धातु की बंदूकें भी पाई गई थीं।
33,000 रुपये लगाई गई है जापानी हेलमेट की शुरूआती कीमत
इस संग्रह में बहुत सरे पुराने सैन्य हेलमेट पाए गए हैं। इनमें से अधिकतर जर्मन थे, लेकिन कई इतालवी, ब्रिटिश और एक जापानी भी था। डेविड का मानना है कि इनमें से एक हेलमेट की विशेष रूप से अधिक रकम में बिकने की संभावना है। नीलामीघर द्वारा सभी हेलमेटों में से जापानी हेलमेट की शुरूआती कीमत करीब 33,000 रुपये लगाई गई है। डेविड का कहना है कि इन वस्तुओं को खरीदने के लिए हजारों लोग दिलचस्पी दिखा सकते हैं।
इतिहासकारों ने चीजों की प्रामाणिकता स्थापित करने में की मदद
सैन्य इतिहास में रुचि रखने वाले कई द्वीपवासी इन बेशकीमती वस्तुओं को देखने के लिए नीलामीघर पहुंचे थे। नीलामी के लिए प्रदर्शित की गई कुछ वस्तुओं ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। इनमें परिशोधन मरहम की कुछ छोटी बोतलें भी शामिल थीं, जो जर्मन सैनिकों द्वारा उपयोग की जाती थीं। इतिहासकारों ने कुछ चीजों की प्रामाणिकता स्थापित करने में मदद की। हालांकि, कुछ वर्दी वाली जैकेटों में गलत प्रतीक चिन्ह लगे हुए थे, जिससे उनकी प्रामाणिकता पर संदेह होता है।