
देश के इस रेस्टोरेंट में कचरे के बदले मिलता है स्वादिष्ट खाना
क्या है खबर?
साल 2022 में सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन से लेकर इस्तेमाल तक पर रोक लगा दी गई क्योंकि यह पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे पहले इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए साल 2019 में छत्तीसगढ़ के शहर अंबिकापुर में एक अनोखा कैफे खोला गया। इस रेस्टोरेंट में लोगों को पैसे नहीं, बल्कि प्लास्टिक के कचरे के बदले में पेट भर खाना मिलता है। आइए रेस्टोरेंट के बारे में जानें।
कैफे
अंबिकापुर नगर निगम द्वारा संचालित किया जाता है ये कैफे
इस अनोखे रेस्टोरेंट का नाम 'गार्बेज कैफे' है, जिसका उद्देश्य प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना और भूख की समस्या को दूर करना है। यह कैफे अंबिकापुर नगर निगम (AMC) द्वारा संचालित है और इस कैफे को चलाने वाले विनोद कुमार पटेल ने बताया, "यहां एक किलो प्लास्टिक के कचरे के बदले चावल, दो सब्जियां, दाल, रोटी, सलाद और अचार वाली थाली मिलती है, जबकि आधा किलो प्लास्टिक के कचरे के बदले समोसा या वड़ा पाव जैसे स्नैक्स मिलते हैं।"
बयान
इस कैफे से सुधरी कई लोगों की जिंदगी- रश्मि
एक स्थानीय महिला रश्मि मंडल ने बताया कि वह हर सुबह प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा करती है और गार्बेज कैफे जाकर उसके बदले खाना खाती हैं। उन्होंने आगे कहा, "मैं यह काम सालों से कर रही हूं, लेकिन पहले मुझे प्लास्टिक स्थानीय कबाड़ विक्रेताओं को सिर्फ 10 रुपये प्रति किलोग्राम से बेचनी पड़ती थीं, जिससे मुश्किल से ही मेरा गुजारा होता था। हालांकि, अब स्थिति बदल गई है और मैं अपने परिवार के साथ आराम से खाना खा पाती हूं।"
रिसाइकिल
प्लास्टिक कचरे को किया जाएगा रिसाइकिल
विनोद के अनुसार, प्रतिदिन कई लोग प्लास्टिक के कचरे के बदले खाना खाते हैं और उनके द्वारा लाए गए प्लास्टिक के कचरे को रिसाइकिलिंग के लिए भेजा जाता है। देखा जाए तो एक तरह से यह कैफे प्लास्टिक बोतल-बैग आदि बीनने वालों के प्रति सम्मान का संकेत है क्योंकि ये लोग कस्बों और शहरों को साफ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
अन्य कैफे
देश के अन्य गार्बेज कैफे
साल 2019 में ही दिल्ली के द्वारका में प्लास्टिक का निपटान करने के लिए दो फूड कोर्ट ने एक रेस्टोरेंट की शुरूआत की थी, जिसका नाम भी 'गार्बेज कैफे' है। इस रेस्टोरेंट की शुरुआत साउथ एमसीडी की अपील पर फूड कोर्ट वालों ने की है। इसके बाद साल 2020 में गुजरात के दाहोद में प्लास्टिक के निपटान के लिए एक कैफे खोला गया, जहां आधा किलो प्लास्टिक का कचरा लाने पर लोगों को चाय और कॉफी दी जाती है।