7 साल की भारतीय बच्ची बनी 'दुनिया की सबसे कम उम्र की योग प्रशिक्षक', बनाया रिकॉर्ड
योग का अभ्यास प्राचीन समय से होता आ रहा है। इससे स्वास्थ्य से जुड़ी कई दिक्कतों का इलाज करने में मदद मिलती है। भारतीय योग गुरु और प्रशिक्षक अपने समर्थकों पर अपने प्रभाव के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। इस सूची में अब भारत की 7 साल की बच्ची का नाम भी जुड़ गया है। जी हां, इस बच्ची ने 'दुनिया की सबसे कम उम्र की योग प्रशिक्षक' (महिला) का खिताब अपने नाम किया है।
प्राणवी ने बनाया अनोखा विश्व रिकॉर्ड
भारत में जन्मी प्राणवी गुप्ता नामक बच्ची ने 7 साल और 165 दिन की उम्र में दुनिया की सबसे कम उम्र की योग प्रशिक्षक (महिला) के रूप में गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज किया है। वह फिलहाल अपने परिवार के साथ दुबई में रह रही हैं। बता दें कि प्राणवी सबसे कम उम्र के योग प्रशिक्षक (पुरुष) रेयांश सुरानी से भी छोटी हैं। रेयांश ने जुलाई 2021 में 9 साल की उम्र में यह खिताब अपने नाम किया था।
प्राणवी ने 3.5 साल की उम्र से ही शुरू कर दिया था योग का अभ्यास
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुताबिक, प्राणवी ने 3.5 साल की उम्र से ही अपनी मां के साथ योग का अभ्यास करना शुरू कर दिया था। करीब 200 घंटे के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद योग एलायंस संगठन की तरफ से प्राणवी को एक शिक्षक के रूप में प्रमाणित किया गया। इसके अलावा अब प्राणवी अपने यूट्यूब चैनल 'लर्निंग विद प्राणवी' के जरिए से कई छात्रों को प्रशिक्षण भी दे रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड में स्वर्ण पदक भी जीत चुकी हैं प्राणवी
गिनीज बुक के अधिकारियों से बात करते हुए प्राणवी ने कहा, "नियमित स्कूल के कारण यह सफर मेरे लिए आसान नहीं था। मुझे खुशी है कि मेरे शिक्षकों और माता-पिता के समर्थन से मैंने योग शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए योग्यता परीक्षा सफलतापूर्वक पूरी की।" बता दें कि कई अन्य रिकॉर्ड और पुरस्कारों के अलावा प्राणवी ने अपनी उपलब्धियों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड में स्वर्ण पदक भी जीते हैं।
प्राणवी की इस उपलब्धि पर उनकी शिक्षिका ने क्या कहा?
इस मामले में बात करते हुए प्राणवी की शिक्षिका और आयुर्वेद चिकित्सक डॉ सीमा कामथ ने कहा कि प्राणवी शांत दिमाग और सीखने की इच्छा रखने वाली एक उत्साही छात्रा है। उन्होंने आगे कहा, "प्राणवी एक समझदार, अच्छी और प्रतिभाशाली बच्ची है। इतनी कम उम्र में उसने यह खिताब अपने नाम किया है। इसके अलावा प्राणवी सभी कक्षाओं में बहुत ही समर्पित रहती है।"