बार्सिलोना के साथ मेसी का सफर खत्म होने के पीछे क्या है असली वजह?
क्या है खबर?
लियोनल मेसी का FC बार्सिलोना के साथ सफर समाप्त हो चुका है। 13 साल की उम्र में नैपकिन पर पहला कॉन्ट्रैक्ट साइन करने वाले मेसी की आखिरी विदाई 34 साल की उम्र में नैपकिन से आंसू पोंछते हुए हुई। मेसी का यूं क्लब छोड़ना हर बार्सिलोना फैन को अखर रहा है।
इसके अलावा एक और बात सबके दिमाग में आ रही है कि आखिर क्यों मेसी जैसे सुपरस्टार को बार्सिलोना ने जाने दिया।
आइए जानते हैं वह कारण।
भावुक
रोते हुए क्लब से विदा हुए हैं मेसी
मेसी ने बीते शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें बार्सिलोना टीम के सभी खिलाड़ी और अन्य कई अहम लोग शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस रूम में आते ही मेसी भावुक हो गए और रोने लगे। शुरुआती कुछ मिनट तक मेसी भरे गले से बोल रहे थे और लगातार अपने आंसू पोंछ रहे थे।
बाद में उन्होंने खुद को संभालते हुए पत्रकारों से बात की और बताया कि वह क्लब छोड़ रहे हैं।
कारण
बार्सिलोना ने क्यों मेसी को जाने दिया?
दुनिया के बेस्ट क्लब्स में से एक बार्सिलोना में मेसी के अलावा और भी कई स्टार खिलाड़ी हैं। बार्सिलोना अपने कई खिलाड़ियों को मोटी सैलरी देती है। ला-लीगा द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली सैलरी के लिए लिमिट सेट कर देने के बाद बार्सिलोना की मुश्किलें शुरु हो गईं।
मेसी को साइन करने के लिए क्लब को सैलरी में भारी कटौती करनी पड़ती और यह संभव नहीं हो पाने के कारण उन्होंने मेसी को जाने दिया।
जानकारी
क्या है सैलरी कैप?
सैलरी कैप में किसी भी टीम के लिए खर्च किए जाने वाले पैसों पर लिमिट लगाने के लिए तय की जाती है। फर्स्ट टीम से जुड़े खिलाड़ियों, कोच और ट्रेनर्स पर क्लब हर सीजन पहले से तय एक निश्चित रकम ही खर्च कर सकती है।
कटौती
नए खिलाड़ी रजिस्टर करने के लिए सैलरी में करनी होती लगभग 1,750 करोड़ रूपये की कटौती
ला-लीगा प्रेसीडेंट हेविएर तेबास ने कहा था कि बार्सिलोना को नए खिलाड़ी रजिस्टर करने के लिए अपनी सैलरी कैप को 200 मिलियन यूरो (लगभग 1,746 करोड़ रूपये) घटाना होगा।
क्लब को पिछले सीजन से अब तक 580 मिलियन यूरो (लगभग 5,100 करोड़ रूपये) का घाटा हो चुका है। जब तक क्लब अपने सैलरी पर होने वाले खर्च को आधा नहीं कर लेता तब तक वे मेसी को नया कॉन्ट्रैक्ट नहीं दे सकते थे।
विकल्प
क्लब के पास थे ये विकल्प
सैलरी पर होने वाले खर्च में कटौती करने के लिए क्लब अपने खिलाड़ियों से सैलरी में कटौती के लिए बोल सकता था। इसके अलावा वे कुछ बड़े दाम वाले खिलाड़ियों को बेचकर भी पैसे ला सकते थे।
हालांकि, उन्होंने जिन खिलाड़ियों को भी बेचने की कोशिश की उन्होंने या तो क्लब नहीं छोड़ना चाहा या फिर उनके लिए क्लब को सही कीमत नहीं मिल सकी। क्लब की यह कोशिश भी नाकाम रही।
सवाल
क्या सैलरी में कटौती के साथ बार्सिलोना में बने रह सकते थे मेसी?
मेसी ने कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि वह अपनी सैलरी में 50 प्रतिशत की कटौती कराने के लिए तैयार थे। हालांकि, यदि मेसी यह कर भी लेते तब भी क्लब उन्हें रजिस्टर नहीं कर पाता। पिछले सीजन क्लब ने लगभग 54 अरब रूपये सैलरी पर खर्च किए थे और उसमें से 12.5 अरब रुपये अकेले मेसी को मिले थे।
सैलरी को फाइनेंशियल फेयर प्ले नियम के तहत लाने के लिए क्लब को बड़ी मात्रा में कटौती करनी थी।