जब राहुल द्रविड़ ने स्कॉटलैंड के लिए खेली क्रिकेट, जानिए आंकड़े और उस दौरे की कहानी
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और कप्तान राहुल द्रविड़ भारत के अलावा एक और देश स्कॉटलैंड के लिए भी क्रिकेट खेल चुके हैं।
साल 2003 में राहुल ने स्कॉटलैंड की टीम के लिए 12 मुकाबले खेले थे।
द्रविड़ इंग्लिश घरेलू वनडे लीग में स्कॉटलैंड की ओर से खेलते हुए नजर आए थे। हालांकि, यह अंतरराष्ट्रीय मुकाबले नहीं थे, इसलिए इनके रिकॉर्ड्स घरेलू क्रिकेट में ही जोड़े जाते हैं।
आइए द्रविड़ के उस पूरे दौर की कहानी जानते हैं।
कहानी
क्यों द्रविड़ को स्कॉटलैंड के लिए खेलना पड़ा?
उस समय स्कॉटिश क्रिकेट यूनियन के अध्यक्ष रहे ग्वेन जोन्स ने साल 2003 में भारतीय टीम के कोच जॉन राइट से संपर्क किया था।
वह चाहते थे कि सचिन तेंदुलकर उनकी टीम के लिए खेले। राइट तेंदुलकर के लिए तैयार नहीं हुए और उन्होंने द्रविड़ का ऑफर उन्हें दिया।
इसके बाद स्कॉटलैंड में रह रहे अनिवासी भारतीयों ने चैरिटी डिनर और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से 45,000 पाउंड जुटाए और द्रविड़ के खेलने का इंतजाम किया था।
पाकिस्तान
पाकिस्तान के खिलाफ भी खेले थे द्रविड़
पाकिस्तान क्रिकेट टीम भी एक अभ्यास मैच स्कॉटलैंड के खिलाफ खेली थी। द्रविड़ उस मैच का हिस्सा थे। स्कॉटलैंड को 1 विकेट से हार मिली थी।
द्रविड़ उस मुकाबले में कुछ खास नहीं कर पाए थे और शब्बीर अहमद की पहली गेंद पर ही खाता खोले बिना पवेलियन लौट गए थे।
स्कॉटलैंड की पारी सिर्फ 169 रन पर समाप्त हो गई थी। शोएब मलिक ने 17 रन देकर 3 विकेट लिए थे और अर्धशतकीय पारी भी खेली थी।
आंकड़े
कैसे थे स्कॉटलैंड के लिए द्रविड़ के आंकड़े?
स्कॉटलैंड के लिए राष्ट्रीय लीग में द्रविड़ ने 11 मैच खेले और 66.66 की औसत और 92.73 की स्ट्राइक रेट से 600 रन बनाए थे।
उन्होंने नेशनल क्रिकेट लीग में 3 शतक और 2 अर्धशतक जड़े थे। उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी 129 रनों की रही थी।
स्कॉटलैंड के लिए जो मुकाबले द्रविड़ ने खेले थे, उनमे से टीम को सिर्फ 1 मैच में जीत मिली थी। बाकी सभी मेचों में उसे हार का सामना करना पड़ा था।
कोच
भारत के सबसे सफल कोच साबित हुए द्रविड़
भारतीय टीम के कोच के रूप में सबसे सफल कार्यकाल द्रविड़ का रहा। उन्होंने 56 वनडे और 77 टी-20 में कोचिंग की, इस दौरान 41 वनडे और 55 टी-20 मुकाबलों में टीम को जीत मिली।
टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 24 मुकाबलों में कोचिंग की थी। भारतीय टीम को 14 मुकाबलों में जीत मिली थी और सिर्फ 7 में टीम को हार का सामना करना पड़ा।
टी-20 विश्व कप के अलावा उनकी कोचिंग में टीम ने एशिया कप भी जीता था।