दक्षिण अफ्रीका के कोच का विवादित बयान, बोले- चाहता था भारत घुटनों पर रेंगें
क्या है खबर?
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के मुख्य कोच शुक्री कॉनराड ने गुवाहाटी टेस्ट के चौथे दिन भारतीय गेंदबाजों को कड़ी मेहनत कराने के बाद विवादास्पद टिप्पणी कर दी। उन्होंने भारत को घुटनों पर रेंगने की बात कही है। इस शब्द के ऐतिहासिक संदर्भ के कारण उनकी यह टिप्पणी चौंकाने और हैरान करने वाली है। कोलकाता में पहला टेस्ट जीतने के बाद अफ्रीकी टीम गुवाहाटी में भी जीत के काफी करीब है। ऐसे में आइए पूरी खबर पर एक नजर डालते हैं।
बयान
कॉनराड ने क्या कहा?
कॉनराड ने मैच के बाद कहा, "मैं चाहता था कि हमारे लड़के भारत को घुटनों पर रेंगने को मजबूर कर दें। हम चाहते थे कि हमें शाम के समय नई गेंद मिले, क्योंकि उस वक्त विकेट पर छाया पड़ती है और तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है। इसलिए जल्दी डिक्लेयर नहीं करना था। साथ ही हम चाहते थे कि भारतीय फील्डर मैदान पर ज्यादा समय बिताएं, उन्हें थकाएं, ताकि आखिरी दिन उन्हें टिकना मुश्किल हो जाए।"
विवाद
क्यों हो रहा है विवाद?
कॉनराड ने अंग्रेजी शब्द grovel (घुटनों पर रेंगने) का इस्तेमाल किया, जिसे क्रिकेट में नस्लवादी माना जाता है। इसका इस्तेमाल एक विवादित घटना के कारण काफी संवेदनशील माना जाता है। 1976 में वेस्टइंडीज दौरे के दौरान इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रेग, जो दक्षिण अफ्रीका में जन्मे श्वेत खिलाड़ी थे, ने कहा था कि उनकी टीम वेस्टइंडीज खिलाड़ियों को "grovel" करवाएगी। उस समय की नस्लीय परिस्थितियों और क्रिकेट इतिहास को देखते हुए इस टिप्पणी को अपमानजनक और असंवेदनशील माना गया था।
जीत
वेस्टइंडीज ने दी थी 3-0 से मात
टोनी ग्रेग की यह टिप्पणी कैरेबियाई खिलाड़ियों के गौरव को ठेस पहुंचा गई और वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के लिए बड़ा प्रेरणास्रोत बनी। इसके बाद वेस्टइंडीज ने बेहद आक्रामक तेज गेंदबाजी और दमदार बल्लेबाजी के दम पर इंग्लैंड को 3-0 से हराया था। इस अपमान को उन्होंने अपनी जीत में बदल दिया था। माना जाता है कि इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की दिशा बदल दी और वेस्टइंडीज के प्रभुत्व वाले सुनहरे युग की शुरुआत की।