राहुल द्रविड़ आज मना रहे अपना 50वां जन्मदिन, जानिए उनके आंकड़े और रिकॉर्ड्स
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और वर्तमान कोच राहुल द्रविड़ आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 11 जन्वरी, 1973 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। द वॉल के नाम से मशहूर द्रविड़ ने भारत के लिए 16 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेली और हजारों रन सहित कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। भारतीय टीम ने इंग्लैंड में आखिरी टेस्ट सीरीज इनकी ही कप्तानी में जीती थी। आइए उनके रिकॉर्ड्स और आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
तेंदुलकर के बाद सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी
सचिन तेंदुलकर के बाद द्रविड़ भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 164 टेस्ट मैच में 52.31 की औसत से 13,288 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 36 शतक और 63 अर्धशतक भी लगाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 270 रन रहा है। सचिन ने भारत के लिए 200 टेस्ट मैच खेले हैं और 15,921 रन बनाए हैं। उनके बाद सबसे ज्यादा टेस्ट में रन द्रविड़ के ही नाम हैं।
वनडे में भी बनाए 10,000 से अधिक रन
द्रविड़ ने भारत के लिए 344 वनडे में 39.16 की औसत से 10,889 रन बनाए हैं। उन्होंने वनडे में 15,285 गेंदों का सामना किया है। इस दौरान उन्होंने 12 शतक और 83 अर्धशतक लगाए हैं। उन्होंने 196 कैच और 14 स्टंप भी किए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 71.23 का रहा है। उनके बल्ले से 950 चौके और 42 छक्के निकले हैं। वह 2003 वनडे विश्व कप का भी हिस्सा थे। भारतीय टीम उस विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी।
भारत के लिए सिर्फ एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं द्रविड़
द्रविड़ को भारत के लिए एक टी-20 मैच खेलने को मौका मिला। मैच में उन्होंने 31 रन बनाए थे। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में उन्होंने 89 मैच खेले हैं और 28.23 की औसत से 2174 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 115.52 का रहा है। इस दौरान उन्होंने 11 अर्धशतक भी लगाए हैं। IPL करियर में उन्होंने 268 चौके और 28 छक्के भी जड़े हैं। उन्होंने अपना आखिरी IPL मैच 24 मई 2013 को मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेला था।
कप्तान के रूप में द्रविड़ के आंकड़े
राहुल टेस्ट क्रिकेट में 2003 से 2007 के बीच भारतीय टीम के कप्तान रहे और 25 टेस्ट में उन्हें कप्तानी करने का मौका मिला। आठ टेस्ट में टीम को जीत मिली और छह में भारतीय टीम हारी। 11 मैच ड्रॉ रहे। वनडे में उन्होंने 79 मैच में कप्तानी की है। इनमें से 42 में भारत को जीत मिली और 33 में हार का सामना करना पड़ा। टी-20 में उन्हें एक भी मैच में कप्तानी करने का मौका नहीं मिला।