पेरिस पैरालंपिक 2024: योगेश कथुनिया ने चक्का फेंक में जीता रजत पदक
क्या है खबर?
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के चक्का फेंक (डिस्कस थ्रो) खिलाड़ी योगेश कथुनिया ने F-56 स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया है।
उन्होंने 42.22 मीटर की सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।
यह मौजूदा खेलों में भारत का कुल 8वां पदक है।
दिलचस्प रूप से योगेश ने लगातार दूसरे पैरालंपिक खेलों में पदक जीता है। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में भी रजत पदक हासिल किया था।
आइए उनके प्रदर्शन पर एक नजर डालते हैं।
प्रदर्शन
कथुनिया ने अपने पहले ही प्रयास में फेंका 42.22 मीटर
कथुनिया ने अपने पहले ही प्रयास में 42.22 मीटर चक्का फेंका। इसके बाद वह अपने पहले प्रयास से बेहतर नहीं फेंक सके। यह उनका सीजन का भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज हो गया।
ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता ने 46.86 मीटर के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
इस स्पर्धा का कांस्य पदक कोंस्टैंटिनोस त्ज़ोनिस ने जीता, जिन्होंने 41.32 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया।
स्लोवाकिया के दुसान लैक्जको 41.20 मीटर थ्रो के साथ चौथे स्थान पर रहे।
सूची
इस सूची में शामिल हुए कथुनिया
इस पदक के साथ ही कथुनिया ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
दरअसल, वह अब लगातार दूसरे पैरालंपिक में एथलेटिक्स में पदक जीतने वाले सिर्फ चौथे भारतीय बने हैं।
हाल ही में ऊंची कूद के खिलाड़ी निषाद कुमार (2020 और 2024) ने यह उपलब्धि हासिल की थी।
इनसे पहले ऊंची कूद में मरियप्पन थंगावेलु (2016 और 2020) और भाला फेंक में देवेंद्र झाझरिया (2016 और 2020) लगातार 2 पैरालंपिक में पदक जीत चुके हैं।
पदक
पेरिस पैरालंपिक में भारत ने जीता 8वां पदक
भारत की झोली में यह तीसरा रजत पदक है। उनसे पहले ऊंची कूद में निषाद और निशानेबाजी में मनीष नरवाल रजत पदक जीत चुके हैं।
भारत की ओर से प्रीति पाल ने (T35 स्पर्धा) 100 और 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीते थे।
उनके अलावा रुबीना अग्रवाल और मोना अग्रवाल ने निशानेबाजी में कांस्य पदक जीते थे।
भारत को अब तक इकलौता स्वर्ण युवा निशानेबाज अवनि लेखारा ने दिलाया है।