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IPL 2020: इन कारणों से प्ले-ऑफ में नहीं जा सकी किंग्स इलेवन पंजाब

IPL 2020: इन कारणों से प्ले-ऑफ में नहीं जा सकी किंग्स इलेवन पंजाब

लेखन Neeraj Pandey
Nov 02, 2020
01:18 pm

क्या है खबर?

किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) IPL 2020 के अपने अंतिम लीग मैच में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के खिलाफ हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। सितारों से सजी KXIP ने टूर्नामेंट के पहले हाफ में सात में से केवल एक मैच जीता था, लेकिन दूसरे हाफ में उन्होंने गजब की वापसी की और लगातार पांच मैच जीते। हालांकि, अंतिम तीन में से दो मुकाबले गंवाकर वे सीजन से बाहर हो गए। आइए जानते हैं KXIP प्ले-ऑफ में क्यों नहीं जा सकी।

#1

टीम ने गंवाए जीते हुए मुकाबले

KXIP सीजन का अपना पहला मैच ही हार गई थी। DC के खिलाफ मैच जीतने के लिए तीन गेंदों में मात्र एक रन की जरूरत थी, लेकिन वे मैच सुपर ओवर में ले गए और हार गए। वहीं सीजन के अपने सातवें मैच में KKR के खिलाफ 12 गेंदों में 20 रन की जरूरत होने पर भी वे मैच हार गए थे। RR के खिलाफ भी उन्होंने लगभग जीता मुकाबला गंवाया था। इन करीबी हारों ने KXIP का काम बिगाड़ा।

#2

बुरी तरह फ्लॉप रहा टीम का मिडिल और लोवर मिडिल आर्डर

KXIP के लिए टॉप आर्डर के बल्लेबाजों ने खूब रन बनाए, लेकिन टीम का मिडिल आर्डर पूरे सीजन फ्लॉप रहा। फिनिशर की भूमिका में खेलने वाले ग्लेन मैक्सवेल 13 मैचों में केवल 108 रन बना सके और उनके बल्ले से एक भी अर्धशतक नहीं निकला। केएल राहुल (670), मयंक अग्रवाल (424) और बाद में क्रिस गेल (288) के रनों की बदौलत टीम लगातार खेलती रही, लेकिन इनका साथ देने के लिए कोई मौजूद नहीं था।

#3

फीका रहा विदेशी खिलाड़ियों का प्रदर्शन

KXIP ने साढ़े आठ करोड़ रूपये से ज्यादा की कीमत में शेल्डन कोट्रेल को खरीदा था, लेकिन वह केवल छह मैच ही खेल सके। क्रिस जॉर्डन ने नौ मैच खेले, लेकिन केवल नौ विकेट ही हासिल कर सके और महंगे भी रहे। जेम्श नीशाम को पांच मैच में केवल दो विकेट मिले और उनकी इकॉनमी 10 के करीब रही। विदेशी खिलाड़ियों के फीके प्रदर्शन ने टीम को संकट में डाला और अंत में बाहर होने का प्रमुख कारण रहे।

#4

टीम सिलेक्शन में भी हुई गलतियां

KXIP ने शुरुआती हाफ में सही प्लेइंग इलेवन सिलेक्ट करने में भी काफी समय गंवाया था। शुरुआत में टीम की गेंदबाजी काफी खराब रही थी और 220 से अधिक का स्कोर बनाने के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। क्रिस गेल को शुरुआती सात मैचों में नहीं उतारना भी टीम की बड़ी चूक साबित हुई। जगदीश सुचित जैसे गेंदबाज को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया और ये गलतियां टीम को काफी भारी पड़ीं।