रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल: कर्नाटक के कप्तान मयंक अग्रवाल ने सौराष्ट्र के खिलाफ जमाया दोहरा शतक
क्या है खबर?
सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने सौराष्ट्र क्रिकेट टीम के खिलाफ खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी 2022-23 के दूसरे सेमीफाइनल में शुक्रवार को शानदार दोहरा शतक जमा दिया।
यह वर्तमान रणजी सत्र में उनका दूसरा दोहरा शतक है। इसी के साथ वह इस सत्र में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गए हैं।
शुरुआती झटकों के कारण टीम संकट में दिखाई दे रही थी, ऐसे समय में मयंक ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए।
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ऐसी रही मयंक की पारी
इस पारी में मयंक ने गजब का संयम दिखाते हुए टीम को विकट स्थिति से निकालकर मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है।
उन्होंने 58.04 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 429 गेंदों का सामना करते हुए 249 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने 28 चौके और छह छक्के जमाए हैं।
कर्नाटक क्रिकेट टीम की ओर से दूसरे सर्वश्रेष्ठ स्कोर श्रीनिवास शरथ (66) ने बनाया है। दोनों के बीच छठे विकेट के लिए 139 रनों की साझेदारी हुई।
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वर्तमान रणजी सत्र में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने मयंक
इस शानदार पारी के बाद मयंक वर्तमान रणजी सत्र में सबसे ज्यादा बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।
इस सत्र में वह अब तक नौ मैचों की 12 पारियों में 85.00 की औसत से 935 रन बना चुके हैं। इस दौरान उनके बल्ले से दो दोहरे शतक, तीन शतक और पांच अर्धशतक निकले हैं।
इससे पूर्व उन्होंने इसी सत्र में केरल के खिलाफ 360 गेंदों में 17 चौकों और पांच छक्कों की मदद से 208 रन बनाए थे।
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घरेलू क्रिकेट में मयंक के आंकड़े
31 साल के मयंक ने अब तक अपने फर्स्ट क्लास (FC) करियर में 89 मैच खेले हैं।
152 पारियों में उन्होंने 45.10 की औसत और 58.97 की स्ट्राइक रेट के साथ 6,540 रन बनाए हैं।
इस फॉर्मेट में उनका उच्चतम स्कोर 304* रनों का है और उन्होंने 14 शतक और 36 अर्धशतक जमाए हैं।
लिस्ट-A क्रिकेट में मयंक ने 98 मैचों में 45.70 की औसत से 4,296 रन बनाए हैं।
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कर्नाटक के लिए संकटमोचक बने मयंक
मयंक ने अपनी इस मैराथन पारी के बलबूते अकेले ही टीम की नैया पार लगाने का काम किया है।
एक समय था जब टीम 112 रनों पर ही पांच विकेट गंवा चुकी थी। दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरते रहे, लेकिन मंयक के काफी देर तक एक छोर संभाले रखा।
इसकी नतीजा ये हुआ कि टीम ने पहली पारी में 407 रन बनाकर मजबूत स्थिति हासिल कर ली। इसका पूरा श्रेय मंयक को ही जाता है।