LOADING...
DC बनाम RR: तीसरे अंपायर ने क्यों चेक नहीं की नो-बॉल? जानिए नियम
तस्वीर- IPL

DC बनाम RR: तीसरे अंपायर ने क्यों चेक नहीं की नो-बॉल? जानिए नियम

लेखन Neeraj Pandey
Apr 23, 2022
12:56 pm

क्या है खबर?

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में बीती रात राजस्थान रॉयल्स (RR) ने दिल्ली कैपिटल्स (DC) को 15 रनों से हरा दिया। इस मैच के आखिरी ओवर में कुछ ऐसा विवाद हुआ जिसने सभी को चौंका दिया। पारी के आखिरी ओवर में पूरी दिल्ली की टीम हाई-फुलटॉस को नो-बॉल देने की अपील कर रही थी और तीसरे अंपायर का मामले में दखल चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आइए जानते हैं आखिर क्यों तीसरे अंपायर ने मामले में दखल नहीं दिया।

मामला

क्या है पूरा मामला?

पारी के आखिरी ओवर में दिल्ली को जीत के लिए 36 रनों की जरूरत थी। रोवमैन पॉवेल ने पहली तीन गेंदों पर लगातार छक्के लगाए जिसमें तीसरी गेंद फुलटॉस थी। अंपायरों के मुताबिक यह नो-बॉल दिए जाने लायक ऊंचाई नहीं थी, लेकिन दिल्ली के खिलाड़ी विरोध जताने लगे। डगआउट से कप्तान ऋषभ पंत ने बल्लेबाजों को वापस आने का इशारा करना शुरु कर दिया और फिर असिस्टेंट कोच प्रवीण आमरे मैदान में घुसकर अंपायर से बहस करने लगे।

नियम

क्या कहते हैं IPL के नियम?

IPL के नियमों में थर्ड अंपायर को केवल फ्रंट फुट नो-बॉल देखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी यह नियम लागू होते हैं। थर्ड अंपायर को फ्रंट फुट नो-बॉल देखने की जिम्मेदारी भी कुछ महीनों पहले सौंपी गई थी। मैदानी अंपायर के पास कमर से ऊपर फेंकी गई फुलटॉस, पिच से बाहर सीधे गिरने वाली गेंद और गेंदबाजी करते समय गेंदबाज द्वारा नॉन-स्ट्राइक एंड की गिल्लियां गिर जाने पर नो-बॉल देने की जिम्मेदारी है।

Advertisement

थर्ड अंपायर

किन परिस्थितियों में नो-बॉल देखते हैं थर्ड अंपायर?

थर्ड अंपायर हर गेंद पर फ्रंट फुट की नो-बॉल तो देखते रहते हैं, लेकिन अन्य मौकों पर वे इसमें दखल नहीं दे सकते हैं। वे केवल एक मौके पर दखल दे सकते हैं जब बल्लेबाज को आउट करार दिया गया हो। उदाहरण के तौर पर किसी बल्लेबाज ने फुलटॉस पर शॉट लगाया और कैचआउट हो गया तो इस परिस्थिति में गेंद डेड हो जाती है। गेंद डेड होने के बाद थर्ड अंपायर इसे देखकर फैसला बदल सकते हैं।

Advertisement

बयान

दिल्ली की ओर से क्या बयान आया?

दिल्ली के कप्तान पंत मैच समाप्त होे के बाद भी भरोसा नहीं कर पा रहे थे और लगातार अपनी टीम के साथ गलत होने की बात कह रहे थे। उन्होंने कहा, "प्रवीण आमरे को मैदान में भेजना गलत था, लेकिन हमारे साथ जो हुआ वह भी सही नहीं था। पूरे मैदान ने देखा और यह करीबी मामला भी नहीं था और यही कारण था कि हमारा पूरा डगआउट निराश था।"

Advertisement