मैं कोहली की कप्तानी में टीम में होता तो भारत तीन विश्व कप जीत जाता- श्रीसंत
विराट कोहली ने हाल ही में सभी फॉर्मेट में भारतीय टीम की कप्तानी छोड़ी है। कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम काफी सफल रही, लेकिन एक भी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) खिताब नहीं जीत पाने के कारण उनके ऊपर लगातार सवाल उठाए गए। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने अब कहा है कि यदि वह कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम का हिस्सा होते तो भारत ने अब तक तीन विश्व कप जीते होते।
मैं टीम में होता तो भारत ने जीते होते तीन और विश्व कप- श्रीसंत
शेयरचैट ऑडियो चैटरूम में क्रिकचैट के साथ हालिया इंटरव्यू में श्रीसंत ने कहा, "यदि मैं विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम का हिस्सा होता तो भारत ने 2015, 2019 और 2021 में विश्व कप का खिताब अपने नाम किया होता।" श्रीसंत अपना यह बयान देने के चक्कर में शायद भूल गए कि 2015 क्रिकेट विश्व कप में एमएस धोनी भारतीय टीम के कप्तान थे और तब तक कोहली ने लिमिटेड ओवर्स में कप्तानी शुरु भी नहीं की थी।
2007 और 2011 में विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे श्रीसंत
श्रीसंत 2011 में विश्व कप खिताब जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। इससे पहले 2007 में पहली बार खेले गए टी-20 विश्व कप की विजेता रहने वाली भारतीय टीम में भी श्रीसंत शामिल थे। 2007 में तो श्रीसंत ने ही मिस्बाह उल हक का कैच लपकते हुए भारत को चैंपियन बनाया था। 2011 की जीत पर श्रीसंत ने कहा, "हमने वो विश्व कप सचिन तेंदुलकर के लिए जीता था।"
कोहली की कप्तानी में ICC टूर्नामेंट्स में कैसा रहा भारत का प्रदर्शन?
कोहली की कप्तानी में भारत ने तीन ICC टूर्नामेंट्स खेले हैं। सबसे पहले भारत ने 2017 चैंपियन्स ट्रॉफी खेला था। टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा था, लेकिन उन्हें फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी। इसके बाद 2019 क्रिकेट विश्व कप में भी भारत को सेमीफाइनल में हार मिली थी। पिछले साल खेले गए टी-20 विश्व कप में भारतीय टीम पहले राउंड से ही बाहर हो गई थी।
स्पॉट-फिक्सिंग में फंसने के कारण खराब हुआ श्रीसंत का करियर
श्रीसंत ने भारत के लिए 27 टेस्ट में 87 और 53 वनडे में 75 विकेट लिए हैं। 10 टी-20 में उन्होंने सात विकेट लिए हैं। 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) स्पॉट-फिक्सिंग में तीन खिलाड़ियों पर आजीवन बैन लगा था जिसमें श्रीसंत भी शामिल थे। बाद में उनका बैन सात साल का कर दिया गया था और उन्होंने घरेलू क्रिकेट में वापसी भी की थी। कुछ मैच खेलने के बाद इस साल उन्होंने संन्यास ले लिया।