लॉन बॉल कैसे खेला जाता है और क्या हैं इसके नियम?
क्या है खबर?
बर्मिंघम में जारी राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारत की महिला लॉन बॉल टीम ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।
भारत की लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी साइकिया और रूपा रानी टिर्की की चौकड़ी (Fours) ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से हरा दिया।
बता दें राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में पहली बार भारत लॉन बॉल में (किसी भी कैटेगरी में) पहुंची थी।
आइए इस खेल के नियम और रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं।
जानकारी
'बोलिंग ग्रीन' पर खेला जाता है लॉन बॉल
लॉन बॉल के मैदान को 'बोलिंग ग्रीन' कहते हैं, जो समतल होता है और जिस पर बॉल को रोल किया जाता है।
इस खेल में एक या फिर टीम में दो से चार खिलाड़ी हो सकते हैं। दो लोगों की टीम को पेयर, तीन को ट्रिपल्स और चार को फोर्स कहा जाता है।
ये पुरुष और महिलाएं दोनों कैटेगरी में खेला जाता है।
बता दें भारत ने महिलाओं की फोर्स कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता है।
गेंदे
दो आकार की गेंदों का होता है इस्तेमाल
लॉन बॉल में दो तरह की गेंदों का इस्तेमाल होता है। आकर में बड़ी गेंद को 'वुड' कहा जाता है जबकि छोटी गेंद, जो आमतौर पर सफेद या पीली होती है, 'जैक' कहा जाता है।
जैक लक्ष्य होता है, जिसे वुड को रोल करके हासिल करना होता है।
जैक और शुरुआती बिंदु के बीच की दूरी मैच की शुरुआत में निर्धारित की जाती है। सबसे पहले टॉस निर्धारित करता है कि कौन सी टीम/खिलाड़ी पहले वुड को रोल करेगी।
पॉइंट्स सिस्टम
ऐसा है पॉइंट्स सिस्टम
दोनों टीमों/खिलाड़ियों को वुड को 'जैक' के करीब पहुंचाना होता है। जिस टीम की जितनी वुड, जैक के करीब होंगी, उस खिलाड़ी/टीम को अंक मिलते हैं।
अगर टीम-A का एक वुड सबसे करीब है और टीम-B का दूसरा वुड उसके बाद है, तो टीम-A को एक अंक मिलता है।
मान लीजिए कि टीम-A के तीन वुड जैक के सबसे करीब हैं और उसके बाद चौथा सबसे करीबी वुड टीम-B का है, तो टीम-A को तीन अंक मिलते हैं।
भूमिका
प्रत्येक टीम में ऐसी होती है खिलाड़ियों की भूमिका
टीम में हर खिलाड़ी की अलग भूमिका होती है और इसी हिसाब से उनका नाम भी रखा जाता है। पहले खिलाड़ी को लीड कहते हैं, जो टीम का कप्तान भी होता है।
दूसरे को सेकंड, तीसरे को थर्ड और चौथे को स्किप कहते हैं।
वुड रोल करने की बारी नाम के हिसाब से ही होती है।
भारतीय विमेन फोर्स टीम में लवली चौबे लीड हैं। सेकंड पर पिंकी, थर्ड पर नयनमोनी और स्किप पर रूपा रानी हैं।
परिणाम
ऐसे तय होता है मैच का परिणाम
कुल स्कोर की गणना से विजेता तय होता है। एकल वर्ग में जो खिलाड़ी 21 अंक पहले हासिल करता है, मैच जीत जाता है।
टीम स्पर्धाओं में 18 राउंड (एंड्स) के बाद जिस टीम का स्कोर ज्यादा होता है, वह विजेता होती है।
हालांकि, राष्ट्रमंडल खेलों में 15 राउंड के बाद स्कोर की गणना होती है और ज्यादा अंक वाली टीम मुकाबले को अपने नाम कर लेती है।
इतिहास
1930 से ही राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल है लॉन बॉल
राष्ट्रमंडल खेल का पहला संस्करण 1930 में खेला गया था और लॉन बॉल उद्घाटन संस्करण से ही इन खेलों का हिस्सा रहे हैं।
बर्मिंघम खेलों से पहले लॉन बॉल में इंग्लैंड (51 पदक), ऑस्ट्रेलिया (50) और दक्षिण अफ्रीका (44) ने राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में सबसे ज्यादा पदक जीते हैं।
वहीं अगर भारत की बात करें तो बर्मिंघम में पहला मौका है जब भारत लॉन बॉल में कोई पदक जीत सका है।