हॉकी विश्व कप: किसान परिवार के शमशेर सिंह ने कैसे पूरा किया भारतीय टीम का सफर?
हॉकी विश्व कप में भारतीय टीम शानदार प्रदर्शन कर रही है और अभी तक एक भी मैच नहीं हारी है। गुरुवार को वेल्स के खिलाफ टीम ने 4-2 से जीत दर्ज की। शमशेर सिंह ने एक शानदार गोल दागा। उनके भारतीय हॉकी टीम तक पहुंचने का सफर काफी संघर्ष वाला रहा है। उनके पिता किसान थे और उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। ऐसे में आइए जानते हैं कि शमशेर ने भारतीय टीम तक का सफर कैसे पूरा किया।
परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भारत के लिए खेलना चाहते थे शमशेर
शमशेर के पिता हरदेव सिंह एक किसान हैं और उनका गांव पाकिस्तान-भारत के अमृतसर बॉर्डर पर है। शमशेर को 11 साल की उम्र में जलंधर में सुरजीत सिंह अकादमी में खेलने का मौका मिला था। उन्होंने वहां छह साल तक ट्रेनिंग की और वह बस इतना चाहते थे कि किसी तरह भारतीय टीम का हिस्सा बन जाएं जिससे उनकी सरकारी नौकरी लग जाएगी और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो जाएगी।
सुबह 3 बजे न उठाने पर रोने लगते थे शमशेर
शमशेर की मां ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, "वह मुझे सुबह 3 बजे उठाने को कहता था, लेकिन मैं उसे चैन से सोता देख नहीं उठाती थी। जब ऐसा होता तो वह रोने लगता था। वह पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन वह इस खेल को बहुत प्यार करता था।" साल 2016 में उन्हें मिडफील्डर के तौर पर जूनियर टीम के लिए पहली बार खेलने का मौका मिला था।
"मेरे जैसे खिलाड़ियों को करनी होती है काफी मेहनत"
शमशेर को जब पहली बार 2016 में जूनियर टीम के लिए डेब्यू का मौका मिला था तो उन्होंने कहा था, "मेरे जैसे लोगों की जिंदगी में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस स्तर तक पहुंच पाऊंगा। दो साल मैंने बहुत मेहनत की।" 2019 में पहली बार उन्हें सीनियर टीम के लिए खेलने का मौका मिला। वह टोक्यो ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भी टीम का हिस्सा थे।
शानदार रहा है भारतीय हॉकी टीम का सफर
भारती टीम ने विश्व कप में तीन मैच खेले हैं और एक भी मुकाबले में उन्हें हार नहीं मिली है। पहले मैच में उन्होंने स्पेन को 2-0 से मात दी। इसके बाद मजबूत इंग्लैंड के खिलाफ टीम ने ड्रॉ खेला। वहीं वेल्स के खिलाफ मैच में टीम को 4-2 से जीत मिली। शमशेर ने विश्व कप में अभी तक एक गोल किया है और न्यूजीलैंड के खिलाफ क्रॉस-ओवर मैच में उनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी।