क्रिकेट में क्या होते हैं 'डायमंड डक' और 'गोल्डन डक'? जानिए इनका पूरा विवरण
क्रिकेट के खेल में जब कोई बल्लेबाज बिना खाता खोले ही आउट हो जाता है, तो आमतौर पर उसे 'डक' पर आउट होना कहा जाता है। बीते गुरुवार (23 नवंबर) को ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ मैच के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ भी शून्य पर आउट हुए। उनके आउट होने के तरीके को 'डायमंड डक' कहा गया है। आइए क्रिकेट में 'गोल्डन डक', 'डायमंड डक' और इससे जुड़ी दिलचस्प जानकारी के बारे में जानते हैं।
पहली गेंद पर बिना रन बनाए आउट होने को कहते हैं 'गोल्डन डक'
जब कोई बल्लेबाज क्रीज पर आता है और अपनी पहली ही गेंद पर बिना कोई रन बनाए आउट हो जाता है, तो इसे 'गोल्डन डक' कहा जाता है। इसके लिए गेंद का लीगल यानी वैद्य होना अनिवार्य है। भारत के सूर्यकुमार यादव इसी साल मार्च में ऑस्ट्रलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में लगातार 3 बार 'गोल्डन डक' पर आउट हुए थे। वह लगातार 3 बार ऐसा अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले पहले भारतीय बने थे।
क्या होता है 'डायमंड डक'?
जब कोई बल्लेबाज बिना कोई लीगल गेंद खेले और बिना कोई स्कोर करे आउट हो जाता है, तो इसे 'डायमंड डक' कहा जाता है। ऐसा ज्यादातर रन आउट के दौरान देखने को मिलता है। इसके अलावा 'ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड' नियम से कोई बल्लेबाज 'डायमंड डक' पर आउट हो सकता है। बता दें कि जब कोई बल्लेबाज फील्डिंग कर रही टीम को किसी तरह की बाधा पहुंचाया है, तो उसे 'ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड' से आउट दिया जाता है।
टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 'डायमंड डक' पर आउट होने वाले तीसरे भारतीय बने रुतुराज
रुतुराज टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 'डायमंड डक' का शिकार होने वाले तीसरे भारतीय बने थे। रुतुराज से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंद जसप्रीत बुमराह (बनाम श्रीलंका, 2016) और स्पिनर अमित मिश्रा (बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2017) भी डायमंड डक का शिकार हो चुके हैं।
क्या होता है सिल्वर, ब्रॉन्ज और लाफिंग डक?
जब कोई बल्लेबाज दूसरी गेंद पर बिना कोई रन बनाए आउट हो जाता है, तो इसे 'सिल्वर डक' कहा जाता है। इसी तरह जब कोई बल्लेबाज तीसरी गेंद पर शून्य के स्कोर पर आउट हो जाता है, तो उसे 'ब्रॉन्ज डक' कहा जाता है। क्रिकेट में 'लाफिंग डक' तब होता है, जब बल्लेबाज बिना कोई रन बनाए आउट हो जाता है और उसके साथ ही पारी भी समाप्त हो जाती है। हालांकि, ये सब कम ही सुनने को मिलते हैं।
टेस्ट क्रिकेट में होता है पेयर और किंग पेयर
जब कोई बल्लेबाज किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में बिना कोई रन बनाए आउट हो जाता है, तो उसे 'पेयर' कहा जाता है। ऐसे ही अगर कोई बल्लेबाज किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में पहली ही गेंद पर आउट हो जाता है, यानी दोनों पारियों में 'गोल्डन डक' हासिल करता है, तो इसे 'किंग पेयर' कहा जाता है। अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 से अधिक बल्लेबाज 'किंग पेयर' हासिल कर चुके हैं।
डक से जुड़े कुछ आंकड़े
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सभी प्रारूपों को मिलाकर सबसे ज्यादा डक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी श्रीलंका के पूर्व दिग्गज मुथैया मुरलीधरन (59) हैं। उनके अलावा सिर्फ कर्टनी वाल्श (54) और सनथ जयसूर्या (53) ही 50 से अधिक बार डक पर आउट हुए हैं। भारतीय खिलाड़ियों की बात करें तो जहीर खान (44) सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में डक पर पवेलियन लौटे हैं। उनके बाद इस सूची में ईशांत शर्मा (40) हैं।