हेडिंग्ले टेस्ट: इंग्लैंड ने भारत को बड़े अंतर से हराया, मैच से निकले ये निष्कर्ष
हेडिंग्ले टेस्ट में इंग्लैंड ने एकतरफा अंदाज में भारत को हराकर सीरीज में 1-1 से बराबरी की है। पिछले लॉर्ड्स टेस्ट में शिकस्त झेलने वाली मेजबान इंग्लिश टीम ने जबरदस्त पलटवार किया और मुकाबला पारी व 76 रनों से अपने नाम किया। इंग्लिश टीम से ओली रॉबिंसन, जो रूट और जेम्स एंडरसन ने जीत में अहम भूमिका निभाई। मैच से निकले अहम निष्कर्ष पर नजर डालते हैं।
इंग्लैंड ने ऐसे जीता मुकाबला
इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों की घातक गेंदबाजी के सामने भारत पहली पारी में सिर्फ 78 रनों पर ही सिमट गई। इंग्लैंड से जेम्स एंडरसन और क्रैग ओवर्टन ने तीन-तीन विकेट लिए। जवाब में इंग्लैंड ने जो रूट के शतक की बदौलत 432 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया। रूट के अलावा हसीब हमीद, रोरी बर्न्स और डेविड मलान ने अर्धशतक लगाए। वहीं भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में 278 रन ही बना सकी। ओली रॉबिंसन (5/65) सबसे सफल गेंदबाज रहे।
इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने किया प्रभावित
हेडिंग्ले टेस्ट में कई मुख्य गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में भी इंग्लिश टीम ने प्रभावित किया। पहली पारी में एंडरसन ने आठ ओवर में सिर्फ छह रन देकर तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए। उन्होंने एक बार फिर कोहली को अपना शिकार बनाया। दूसरी पारी में रॉबिंसन और ओवर्टन (3/47) ने मिलकर भारतीय टीम को समेटने में अहम भूमिका निभाई। रॉबिंसन ने अपने टेस्ट करियर का दूसरा फाइव विकेट हॉल लिया।
क्या भारत को खली अश्विन की कमी?
इंग्लैंड के शीर्ष बल्लेबाजी क्रम ने भारतीय तेज गेंदबाजों को फीका साबित कर दिया। मेजबान टीम से रोरी बर्न्स (61), हसीब हमीद (68), डेविड मलान (70) और जो रूट (121) ने खूब रन बटोरे। मैच में जब तक भारतीय गेंदबाजों ने वापसी की तब बहुत देर हो चुकी थी। भारतीय टीम को एक विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज की कमी महसूस हुई। अनुभवी अश्विन की मौजूदगी शायद मुकाबले में अंतर पैदा कर सकती थी।
बर्न्स और हमीद की जोड़ी ने किया कमाल
हेडिंग्ले टेस्ट में इंग्लैंड की नई सलामी जोड़ी ने प्रभावित किया। रोरी बर्न्स और हसीब हमीद ने पहली पारी में 135 रन की साझेदारी की। यह जोड़ी भारतीय तेज आक्रमण के खिलाफ मजबूत नजर आई। बर्न्स और हमीद दोनों ने 150 से अधिक गेंदें खेलीं और इंग्लिश पारी की मजबूत नींव रखी। हमीद विशेष रूप से प्रभावशाली नजर आए क्योंकि वह इससे पहले लॉर्ड्स टेस्ट में तीसरे नंबर पर खेले थे।
आत्मविश्वास में दिखे चेतेश्वर पुजारा
हार के बावजूद, भारत के पक्ष में पुजारा की बल्लेबाजी रहीं। मैच के तीसरे दिन पुजारा आत्मविश्वास से लबरेज नजर आए। उन्होंने इंग्लैंड की तेज गेंदबाजी के खिलाफ तेजी से रन बटोरे और विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बनाया। मुश्किल परिस्थितियों में पुजारा ने 91 रनों की पारी खेली। वह शतक बनाने से चूक गए लेकिन निश्चित तौर पर वह फॉर्म में लौटे हैं, जो आगामी मुकाबलों के लिए उनके और टीम के हित में साबित हो सकता है।