साल 2016 से 2021 के बीच इस्तेमाल किया जूम? कंपनी से मिल सकते हैं 1,874 रुपये

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जूम को डाटा सुरक्षा से जुड़े एक लॉसूट का सामना करना पड़ा है, जिसमें इसकी गलती सामने आई है। कंपनी प्रभावित यूजर्स को 25 डॉलर (करीब 1,874 रुपये) तक का भुगतान करने को तैयार है। आरोप लगा कि जूम ने अपने यूजर्स की प्राइवेसी और सुरक्षा से समझौता करते हुए उनकी पर्सनल जानकारी थर्ड-पार्टीज के साथ शेयर की। जूम आरोप से इनकार करने के बावजूद 8.5 करोड़ डॉलर का भुगतान करने को सहमत हो गई है।
जूम उन यूजर्स को भुगतान करने को तैयार है, जिनका पर्सनल डाटा इसकी गलती के चलते लीक हुआ है। हालांकि, सभी जूम यूजर्स 25 डॉलर के इस मुआवजे के लिए एलिजिबल नहीं हैं। अगर आप जूम मीटिंग्स ऐप के पेड सब्सक्राइबर हैं और आपने मार्च, 2016 से जुलाई, 2021 के बीच इसके लिए भुगतान किया है तो आप 25 डॉलर या आपकी ओर से दी गई रकम का 15 प्रतिशत क्लेम कर सकते हैं।
क्लेम सेटलमेंट से जुड़ा मुआवजा उन यूजर्स को भी दिया जाएगा, जिन्हें 30 मार्च, 2016 से 30 जुलाई, 2021 के बीच जूम मीटिंग ऐप डाउनलोड, ओपेन, इस्तेमाल की है या फिर इस प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर किया है। हालांकि, ऐसे यूजर्स 25 डॉलर की रकम के लिए क्लेम नहीं फाइल कर सकेंगे और उन्हें केवल 15 डॉलर का मुआवजा कंपनी की ओर से दिया जाएगा। वीडियो कॉलिंग सेवा की ओर से मुआवजा केवल डाटा लीक से प्रभावित यूजर्स को दिया जाएगा।
कैश पेमेंट पाने के लिए यूजर्स को क्लेम फाइल करना होगा और ऐसा एक क्लेम फॉर्म सबमिट कर किया जा सकेगा। यह फॉर्म www.zoommeetingsclassaction.com पर जाकर या फिर कंपनी को ईमेल भेजकर सबमिट किया जा सकता है। ध्यान रहे, यह क्लेम फाइल करने के लिए 5 मार्च, 2022 तक की डेडलाइन रखी गई है इसलिए मुआवजे की रकम कंपनी से लेने के लिए इससे पहले ही क्लेम फाइल करना होगा।
जूम प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता और जरूरत पिछले साल कोविड-19 महामारी आने के दौरान बढ़ी। तब यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह तैयार नहीं था और इसकी ओर से यूजर्स का डाटा शेयर किए जाने के कई मामले सामने आए। एक ग्रुप ने इससे जुड़ा लॉसूट फाइल किया था और कंपनी पर यूजर्स की पर्सनल जानकारी जानबूझकर शेयर करने के आरोप लगाए थे। इस ग्रुप ने यूजर्स को ईमेल भेजकर मुआवजे की रकम क्लेम करने के लिए कहा है।
फेसबुक, इंस्टाग्राम और जूम जैसे कई प्लेटफॉर्म्स का ऐक्सेस आपको फ्री में मिलता है लेकिन ये आपका डाटा ऐक्सेस करते हैं। ध्यान रहे, ज्यादातर ऐप्स और वेबसाइट्स इसी मॉडल पर काम कर रही हैं और यूजर्स डाटा थर्ड-पार्टीज के साथ शेयर कर उन्हें पर्सनलाइज्ड ऐड दिखाती हैं। आपका डाटा किसी सब्सक्रिप्शन फीस के मुकाबले ज्यादा कीमती है और इसके साथ ही ढेरों बड़ी कंपनियां तैयार हुई हैं। प्राइवेसी का ध्यान रखें और सभी ऐप्स-वेबसाइट्स के साथ डाटा शेयर ना करें।