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क्या है नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन, जिसका प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर किया ऐलान? 
नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन का प्रधानमंत्री ने किया ऐलान

क्या है नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन, जिसका प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर किया ऐलान? 

Aug 15, 2025
08:57 am

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से राष्ट्रीय डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन की शुरुआत की घोषणा की। इसका उद्देश्य भारत के विशाल अप्रयुक्त अपतटीय तेल और गैस भंडारों का दोहन करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहल उन्नत गहरे समुद्र ड्रिलिंग और खोज तकनीक का इस्तेमाल करेगी। अधिकारियों के मुताबिक, इस कदम से अगले दशक में भारत की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम होगी और घरेलू उत्पादन को मजबूती मिलेगी।

मिशन

क्या है डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन?

डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी प्राप्त एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें चालक दल और चालक दल रहित पनडुब्बियों का उपयोग, गहरे समुद्र में खनन तकनीक, जैव विविधता अनुसंधान और महासागर-आधारित ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। यह खास मिशन भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र और महाद्वीपीय शेल्फ में मौजूद संसाधनों का खोज करेगा। इसमें फ्रांस के सहयोग से कई महत्वपूर्ण परीक्षण और गोते लगाए जा रहे हैं।

 उद्देश्य 

मिशन का उद्देश्य और संभावनाएं

इस मिशन का उद्देश्य भारत की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाना और गहरे समुद्र में मौजूद तेल, गैस तथा खनिज संसाधनों का दोहन करना है। इससे भारत को गहरे समुद्र तकनीक में प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा, जिसे आगे चलकर अपनी पनडुब्बी 'मत्स्य 6000' में इस्तेमाल किया जाएगा। यह पनडुब्बी दिसंबर, 2027 तक तैयार होगी और 3 लोगों को 6,000 मीटर की गहराई तक ले जा सकेगी। इसमें अत्याधुनिक सुरक्षा और संचार सुविधाएं होंगी, जो 96 घंटे तक आपात स्थिति में काम करेंगी।

अन्य

हाल की उपलब्धियां और अगला कदम

हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने फ्रांस की पनडुब्बी नॉटाइल से 5,000 मीटर से अधिक गहरे गोते लगाए, जो डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन की बड़ी उपलब्धि है। मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे भारत की दोहरी विजय बताया, क्योंकि एक भारतीय अंतरिक्ष और एक गहरे समुद्र में लगभग साथ-साथ पहुंचे। आने वाले वर्षों में 'मत्स्य 6000' के जरिये भारत अपने दम पर समुद्र की गहराइयों का शोध करेगा, जो वैज्ञानिक शोध और आर्थिक विकास दोनों के लिए अहम होगा।