चीन की साइबर सुरक्षा कंपनी में सेंधमारी से भारत का कौन-सा अहम डाटा हुआ लीक?
क्या है खबर?
चीन की एक बड़ी साइबर सुरक्षा कंपनी 'नोनसेक' पर हाल ही में बड़ा साइबर हमला हुआ है। इस सेंधमारी में कंपनी के सर्वर में रखा भारत से जुड़े कई संवेदनशील डाटा भी लीक हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोनसेक के पास भारतीय आव्रजन रिकॉर्ड और डिजिटल ढांचे से जुड़ी फाइलें मौजूद थीं। इस घटना में 20 से ज्यादा देशों से जुड़े कथित सरकारी हैकिंग अभियानों की जानकारी भी उजागर हुई, जिससे चीन की साइबर गतिविधियों की गंभीरता सामने आई।
दस्तावेज
लीक हुए दस्तावेज और प्रभावित देश
साइबर हमले में नोनसेक के सुरक्षित सर्वर से 12,000 से ज्यादा आंतरिक दस्तावेज लीक हुए। इनमें उन्नत मालवेयर, रिमोट एक्सेस टूल, अटैक किट, चैट हिस्ट्री पढ़ने वाले प्रोग्राम और USB चार्जर के रूप में छिपे खतरनाक हार्डवेयर के ब्लूप्रिंट शामिल थे। जारी फाइलों में एशिया, यूरोप और अफ्रीका के कई देशों को लक्ष्य बताया गया, जिनमें भारत, जापान, इंडोनेशिया, वियतनाम और यूनाइटेड किंगडम (UK) प्रमुख थे। भारतीय डाटा इस लीक में सबसे अधिक प्रभावित माना गया।
चिंता
नोनसेक की भूमिका और लीक के बाद चिंता
नोनसेक 2007 से चीनी सरकारी एजेंसियों के साथ डिजिटल सुरक्षा परियोजनाओं पर काम कर रही है। इस लीक में कोई फिरौती नहीं मांगी गई, जिससे शक है कि यह किसी अंदरूनी व्यक्ति या वैचारिक मकसद से किया गया हो सकता है। चीन ने लीक से इनकार किया है, जबकि नोनसेक ने भी कोई बयान नहीं दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि इस डाटा का भविष्य में गलत इस्तेमाल हो सकता है, इसलिए भारत को साइबर सुरक्षा और मजबूत करना चाहिए।