क्या होते हैं पहनने योग्य एयर प्यूरीफायर, कैसे करते हैं काम?
क्या है खबर?
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है। कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत खराब स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से फेफड़ों और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसी वजह से लोग मास्क के अलावा अब पहनने योग्य एयर प्यूरीफायर जैसे नए विकल्पों की ओर भी देखने लगे हैं।
एयर प्यूरीफायर
क्या होते हैं पहनने योग्य एयर प्यूरीफायर?
पहनने योग्य एयर प्यूरीफायर छोटे और पोर्टेबल डिवाइस होते हैं, जिन्हें गर्दन में पहना जाता है या मास्क की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इनका मकसद व्यक्ति के मुंह और नाक के आसपास साफ हवा पहुंचाना होता है। ये डिवाइस खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाए गए हैं, जो वायु प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित रहते हैं। बाजार में ये अलग-अलग डिजाइन और तकनीक के साथ उपलब्ध हैं और धीरे-धीरे इनका इस्तेमाल बढ़ रहा है।
काम
ये डिवाइस कैसे करते हैं काम?
पहनने योग्य एयर प्यूरीफायर हवा से हानिकारक कणों को कम करने की कोशिश करते हैं। कुछ मॉडल HEPA फिल्टर का इस्तेमाल करते हैं, जो धूल और PM2.5 जैसे कणों को पकड़ लेते हैं। वहीं कुछ डिवाइस आयन टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं, जिसमें चार्ज्ड आयन हवा में मौजूद गंदे कणों से जुड़कर उन्हें भारी बना देते हैं। इससे ये कण सांस के साथ अंदर जाने से पहले ही नीचे बैठ जाते हैं।
असरदार
कितने असरदार और किसे करना चाहिए इस्तेमाल?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये डिवाइस बंद या कम हवा वाले इनडोर माहौल में ज्यादा असरदार होते हैं। खुले और तेज हवा वाले बाहरी इलाकों में इनकी क्षमता कम हो जाती है। ये N95 मास्क का पूरा विकल्प नहीं हैं, बल्कि अतिरिक्त सुरक्षा दे सकते हैं। सांस की बीमारी, एलर्जी या ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में काम करने वाले लोग इन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन गंभीर मरीजों को पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।