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अगर आपने भी टेलीग्राम पर अकाउंट बनाया है तो जान लें यह बेहद जरूरी बात

अगर आपने भी टेलीग्राम पर अकाउंट बनाया है तो जान लें यह बेहद जरूरी बात

Nov 11, 2019
05:32 pm

क्या है खबर?

व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी का मामला सामने आने के बाद टेलीग्राम और सिग्नल ऐप पर अकाउंट बनाने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। हो सकता है कि आपमें में से भी कुछ लोगों ने प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए टेलीग्राम या सिग्नल पर साइन अप किया हो, लेकिन आपको यह जानना चाहिए कि ये ऐप्स भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। हैकर इन ऐप्स तक भी अपनी पहुंच बना सकते हैं।

जासूसी

पेगासस से की गई थी व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी

जब व्हाट्सऐप ने एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड शुरू किया था, तब माना गया था कि यह पूरी तरह सुरक्षित है और दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत पूरी तरह प्राइवेट है। इसके बावजूद एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाईवेयर के जरिए हैकर्स ने व्हाट्सऐप में सेंधमारी कर ली। इसके बाद टेलीग्राम (200 मिलियन डाउनलोड) और सिग्नल (10 मिलियन डाउनलोड) पर अकाउंट बनाने वाले यूजर्स की संख्या में भारी इजाफा देखा गया था, लेकिन टेलीग्राम भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।

जानकारी

एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड नहीं होते टेलीग्राम के सारे मैसेज

व्हाट्सऐप और ऐपल iMessage से उलट टेलीग्राम में बातचीत एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड नहीं है। प्राइवेसी के लिए टेलीग्राम ने 'सीक्रेट चैट' का ऑप्शन दिया है, लेकिन यह भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।

रिसर्च

रिसर्च में पता चली टेलीग्राम की ये खामियां

अमेरिका स्थित मैसाच्युसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) की रिसर्च में टेलीग्राम में कई बड़ी खामियों का पता चला है। टेलीग्राम यूजर की कॉन्टैक्ट लिस्ट को सर्वर पर स्टोर करती है और अपना MTProto मैसेजिंग प्रोटोकॉल इस्तेमाल करती है। रिसर्च में कहा गया है कि टेलीग्राम डाटा स्टोर करने के लिए क्लाउड का इस्तेमाल करती है। अगर कोई हैकर इनके सर्वर सिस्टम को कंट्रोल कर लेता है तो उनके पास टेलीग्राम के मेटाडाटा और अनइनक्रिप्टेड मैसेज की एक्सेस रहेगी।

खामियां

मेटाडाटा इंफोर्मेशन देख सकते हैं हैकर्स

रिसर्च में कहा गया है कि अगर हैकर सर्वर पर अटैक करते हैं तो उन्हें कई जानकारी मिल जाएगी। इसे यूजर की सहमति के बिना किसी को भी बेचा जा सकता है। रिसर्च में बताया गया है कि अगर कोई 'सीक्रेट चैट' के जरिए बात करता है तब भी कोई थर्ड पार्टी टेलीग्राम की मोबाइल ऐप के जरिए एक्सेस पाकर मेटाडाटा इंफोर्मेशन को देख सकते हैं। वो ये पता लगा सकते हैं कि यूजर कब ऑनलाइन और ऑफलाइन था।

संसाधन

टेलीग्राम और सिग्नल के पास नहीं है व्हाट्सऐप जितने संसाधन

जब व्हाट्सऐप को अपने सिस्टम में बग का पता चला तो कंपनी ने तुरंत इसे दूर किया और अपने यूजर्स को इसकी जानकारी दी। इसके अलावा व्हाट्सऐप ने संबंधित सरकारों को भी इस बारे में बताया और कानूनी कार्रवाई शुरू की। जानकारों का कहना है कि व्हाट्सऐप अपने संसाधनों के जरिए ऐसा करने में कामयाब रही। अगर टेलीग्राम या सिग्नल के साथ ऐसा होता है तो ऐसी किसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की जा सकती।