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टेक कंपनियों का 2029 तक AI खर्च 2.48 लाख अरब रुपये से अधिक होगा- रिपोर्ट 
2029 तक AI खर्च होगा 2.48 लाख अरब रुपये

टेक कंपनियों का 2029 तक AI खर्च 2.48 लाख अरब रुपये से अधिक होगा- रिपोर्ट 

Sep 30, 2025
06:34 pm

क्या है खबर?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग वैश्विक स्तर पर हर क्षेत्र में काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से आने वाले समय में AI के क्षेत्र में भारी खर्च होने का भी अनुमान है। सिटी ग्रुप के अनुमान के मुताबिक, 2029 तक AI पर कुल खर्च 2.8 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 2.48 लाख अरब रुपये) तक पहुंच सकता है। ChatGPT लॉन्च के बाद शुरू हुए AI बूम ने डाटा सेंटर विस्तार और बड़े निवेश को लगातार आगे बढ़ाया है।

भूमिका

हाइपरस्केलर्स की भूमिका

सिटी ग्रुप का कहना है कि 2026 के अंत तक हाइपरस्केलर्स का AI पूंजीगत व्यय लगभग 43,500 अरब रुपये तक पहुंच सकता है, जो पहले के लगभग 37,300 अरब रुपये अनुमान से अधिक है। माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और अल्फाबेट जैसी कंपनियों ने क्षमता बढ़ाने और बाधाओं को दूर करने के लिए पहले ही अरबों डॉलर खर्च कर दिए हैं। विश्लेषकों के अनुसार, इन कंपनियों की तीसरी तिमाही की आय रिपोर्ट में इस बढ़ते निवेश की झलक साफ दिखाई दे सकती है।

चुनौती

बिजली और खर्च की चुनौती

सिटीग्रुप का अनुमान है कि 2030 तक AI कंप्यूटिंग मांग को पूरा करने के लिए 55 गीगावाट नई बिजली की आवश्यकता होगी। इसका मतलब है कि कुल खर्च 2.8 लाख करोड़ डॉलर होगा, जिसमें अकेले अमेरिका में 1.4 लाख करोड़ डॉलर शामिल होंगे। इतनी बड़ी लागत के कारण टेक कंपनियां अब केवल मुनाफे पर निर्भर नहीं रह सकतीं। प्रत्येक 1 गीगावाट क्षमता तैयार करने में लगभग 50 अरब डॉलर का भारी खर्च आता है।

चिंता

निवेशकों की बढ़ती चिंता

विश्लेषकों का कहना है कि AI ढांचे पर इतना भारी निवेश कंपनियों की वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर रहा है। खर्च के कारण नकदी प्रवाह घटा है और निवेशकों की चिंता बढ़ रही है कि आगे फंडिंग कहां से आएगी। कई कंपनियां इसके लिए कर्ज ले रही हैं। हालांकि, एली लिली और हिताची जैसी कंपनियों ने AI का सफल उपयोग दिखाया है, जिससे यह साबित होता है कि उद्यमों के लिए AI वास्तव में मूल्यवान साबित हो रहा है।