
रियल-मनी ऐप के खिलाफ IT अधिनियम के तहत कार्रवाई, नया कानून अभी नहीं हुआ प्रभावी
क्या है खबर?
भारत में ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के नए कानून के प्रभावी होने से पहले ही सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्र ने सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम का सहारा लेकर रियल-मनी ऐप्स को ऐप स्टोर से हटाने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय ने अपने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के माध्यम से 29 अगस्त को प्लेटफॉर्म्स को ऐप स्टोर से 6 रियल-मनी वाले गेमिंग ऐप हटाने का निर्देश दिया था।
कारण
क्यों लिया जा रहा IT अधिनियम का सहारा?
मनीकंट्रोल के अनुसार, संसद ने 22 अगस्त को ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन अधिनियम, 2025 पारित कर दिया था, लेकिन यह कानून अभी भी लागू नहीं हुआ है। इसे लागू करने के लिए आवश्यक नियम अभी तैयार किए जा रहे हैं। तब तक सरकार IT अधिनियम के मौजूदा प्रावधानों पर ही निर्भर है। नोटिस में IT अधिनियम की धारा 79(3)(B) और IT नियम, 2021 के नियम 3(1)(D) के साथ भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधानों का भी हवाला दिया है।
नियम
क्या कहता है नया नियम?
नया कानून रियल-मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाने के साथ कड़े दंड का प्रावधान करता है और ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए एक केंद्रीय प्राधिकरण की स्थापना करता है। पैसे वाले गेम्स की पेशकश या विज्ञापन करने पर 3 साल तक की जेल या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। अब इसके विस्तृत नियम तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही सरकार E-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग प्रारूपों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।