समुद्रयान मिशन: अगले महीने गहरे समुद्र में होगा मत्स्य-6000 पनडुब्बी का परीक्षण, जानें इसकी विशेषता
क्या है खबर?
समुद्रयान मिशन के तहत भारत अगले महीने स्वदेशी रूप से विकसित मानव पनडुब्बी मत्स्य-6000 का गहरे समुद्र में परीक्षण करेगा। अक्टूबर, 2024 के लिए निर्धारित परीक्षण वास्तविक पानी के नीचे की स्थितियों में पनडुब्बी के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेगा।
इस परीक्षण के साथ भारत की गहरे समुद्र में जांच करने की क्षमता नई ऊंचाइयों पर पहुंचने वाली हैं।
इस साल की शुरुआत में किरेन रिजिजू ने कहा था कि भारत अगले साल समुद्रयान मिशन को लॉन्च कर सकता है।
मत्स्य-6000
मत्स्य-6000 क्या है?
भारत के स्वदेशी पनडुब्बी मत्स्य-6000 का नाम हिंदू भगवान विष्णु के मछली अवतार के नाम पर रखा गया है।
पनडुब्बी 6,000 मीटर की गहराई तक गोता लगाने में सक्षम, यह वैज्ञानिकों को पृथ्वी के महासागरों के कुछ सबसे कम पहुंच वाले क्षेत्रों का पता लगाने की अनुमति देगी।
यह डीप-डाइविंग सबदेगीमर्सिबल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है, जिसमें उन्नत लाइफ सपोर्ट सिस्टम, नेविगेशन उपकरण, सैम्पल लेने के लिए रोबोटिक आर्म्स और हाई-रेजोल्यूशन इमेजिंग सिस्टम शामिल हैं।
मिशन
2021 में शुरू किया गया था मिशन
समुद्रयान मिशन को 2021 में शुरू किया गया था, जिसमें 3 वैज्ञानिकों को मत्स्य 6000 पनडुब्बी का उपयोग करके हिंद महासागर में समुद्र तल के 6,000 मीटर की गहराई तक भेजा जाएगा।
पनडुब्बी के काम करने की क्षमता 12 घंटे होगी, जिसे आपातकालीन स्थिति में 96 घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा।
पनडुब्बी वैज्ञानिकों को गहरे समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र का अध्ययन करने, पानी के नीचे के खनिज संसाधनों की खोज करने और समुद्री परिवर्तनों की निगरानी करने में सक्षम करेगी।