शिकायत के 24 घंटे के भीतर हटाने होंगे ऑनलाइन आपत्तिजनक फोटो, जारी हुई SOP
क्या है खबर?
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। इसमें ऑनलाइन मध्यस्थों (इंटरनेट सेवा प्रदाता, सर्च इंजन, होस्टिंग प्रदाता, सोशल मीडिया) को रिपोर्ट किए जाने के 24 घंटे के भीतर गैर-सहमति वाले अंतरंग चित्र (NCII) वाला कंटेंट हटाने या डिसेबल करने का निर्देश दिया है। मध्यस्थों को कार्रवाई की रिपोर्ट देना और गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के अंतर्गत आने वाले सहयोग जैसी सरकारी सिस्टम्स के साथ समन्वय करना होगा।
अनुपालना
हाई कोर्ट के आदेश के बाद उठाया कदम
मद्रास हाई कोर्ट के निर्देशों की अनुपालन में जारी SOP सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 3(2)(B) के तहत प्रावधानों को क्रियान्वित करती है। इसमें कहा है कि पीड़ित अब आपत्तिजनक कंटेंट की रिपोर्ट कई माध्यमों से कर सकते हैं। इनमें वन स्टॉप सेंटर (OSC), डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इन-ऐप रिपोर्टिंग तंत्र, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और स्थानीय पुलिस थाने शामिल है। OSC पीड़ितों को कानूनी सहायता और परामर्श भी प्रदान करेंगे।
तकनीक
दोबारा दिखने पर भी लगानी होगी रोक
SOP में कहा गया है कि प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों (SSMIs) को समान या मिलते-जुलते कंटेंट के दोबारा उजागर होने को रोकने के लिए हैश-मैचिंग और क्रॉलर तकनीकों का भी इस्तेमाल करना होगा। I4C इस तरह की शिकायतों के लिए केंद्रीय एग्रीगेटर के रूप में कार्य करेगा और एक सुरक्षित NCII हैश बैंक बनाए रखेगा। दूरसंचार विभाग चिह्नित URL को ब्लॉक करने के लिए इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय करेगा, जबकि MeitY अनुपालन और अंतर-एजेंसी समन्वय की निगरानी करेगा।