
नैसकॉम की भारतीय AI मॉडल्स के लिए स्थानीय बेंचमार्क बनाने की योजना, क्यों पड़ी जरूरत?
क्या है खबर?
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) भारतीय भाषाओं के लिए निर्मित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल का परीक्षण करने के लिए अपने स्वयं के मानक तैयार करने की योजना बना रही है। यह बेंचमार्क दुनियाभर में इस्तेमाल किए जाने वाले मानक परीक्षण हैं। इससे परखा जाता है कि AI मॉडल भाषा को कितनी अच्छी तरह समझते हैं और उस पर कितनी अच्छी तरह प्रतिक्रिया देते हैं। यह योजना अभी शुरुआती चरण में है।
तैयारी
बेंचमार्क को लेकर क्या है नैसकॉम की तैयारी?
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय IT उद्योग निकाय अपनी AI पहल को लेकर अगले कुछ सप्ताहों में विशेषज्ञों और डेवलपर्स के साथ परामर्श शुरू करने वाली है। सूत्राें ने कहा, "हम पहले शिक्षाविदों, निजी अनुसंधान प्रयोगशालाओं और स्टार्टअप्स के साथ इन चिंताओं की पुष्टि करने की योजना बना रहे हैं।" उन्होंने आगे बताया कि अगर, यह विचार सार्थक होता है और उद्योग जगत को समर्थन मिलता है तो नैसकॉम एक भारत-केंद्रित बेंचमार्किंग ढांचा बनाने का इरादा रखता है।
कारण
इस कारण पड़ रही जरूरत
AI मॉडल साझा करने और बेंचमार्क करने के लिए ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म, हगिंग फेस जैसी वैश्विक कंपनियां मूल्यांकन के लिए डाटासेट और मेट्रिक्स बनाए रखती हैं। भारतीय संस्थापकों ने बताया कि ये अंग्रेजी और यूरोपीय भाषाओं पर केंद्रित हैं, जबकि भारत में स्पीच रिकग्निशन के लिए मॉडल्स को स्थानीय भाषाओं के साथ अंग्रेजी के मिश्रण का सामना करना पड़ता है। इस कारण भारतीय AI मॉडल्स के परीक्षण के लिए पश्चिमी मानकों का उपयोग करने से गलत परिणाम प्राप्त होते हैं।