माइक्रोसॉफ्ट के नए वर्जन वाले ChatGPT में मिलेंगे ये फीचर, देने पड़ सकते हैं ज्यादा पैसे
क्या है खबर?
ChatGPT और उसे बनाने वाली कंपनी OpenAI टेक की दुनिया में बीते कई महीनों से चर्चा में बनी हुई हैं।
ChatGPT जैसी सफलता पाने के लिए कई टेक कंपनियां इसी तरह का AI मॉडल बनाने पर काम कर रही हैं।
OpenAI में माइक्रोसॉप्ट ने पैसा निवेश किया है और AI के क्षेत्र में उसने गूगल जैसे प्रतिद्वंदियों को हिला दिया है।
कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट अब ChatGPT का नया और बेहतरीन वर्जन पेश करने की तैयारी में है।
माइक्रोसॉफ्ट
नए वर्जन में प्राइवेसी को दी जाएगी प्राथमिकता
एक रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ChatGPT का एक नया वर्जन डेवलप कर रही है।
नए वर्जन वाला ChatGPT उन लोगों को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है जो व्यक्ति और कंपनियां जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की बात आने पर प्राइवेसी को प्राथमिकता देते हैं।
द इंफॉर्मेशन के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट ने नए वर्जन वाले ChatGPT के लिए OpenAI के साथ लगभग 82,000 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किया है।
प्राइवेसी
इस वजह से माइक्रोसॉफ्ट को लेना पड़ा फैसला
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूजर्स और कंपनियां प्राइवेसी की चिंता किए बिना नए वर्जन वाले ChatGPT को उपयोग कर सकेंगे।
माइक्रोसॉफ्ट को नए वर्जन वाले चैटबॉट को पेश करने का फैसला सैमसंग और अन्य कंपनियों की वजह से लेना पड़ा। इन कंपनियों ने प्राइवेसी की वजहों से अपने सर्वर पर ChatGPT के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ChatGPT पर बीते कुछ समय में यूजर्स की बातचीत और अन्य जानकारी इकट्ठा करने के आरोप लगे हैं।
चैटबॉट
महंगा हो सकता है ChatGPT का नया वर्जन
रिपोर्ट में आगे खुलासा किया गया कि ChatGPT प्लस की तुलना में ChatGPT का नया 'प्राइवेसी सेंसिटिव' वर्जन अधिक महंगा होगा।
ChatGPT के ChatGPT प्लस वर्जन का चार्ज 1,600 रुपये प्रति माह है। हालांकि, ChatGPT पूरी तरह से फ्री है।
इसके प्लस वर्जन में कुछ खास फीचर्स मिलते हैं।
ChatGPT प्लस यूजर्स को पीक ऑवर्स के दौरान भी चैटबॉट का एक्सेस मिलता है और सब्सक्राइबर्स को तेज रिस्पांस टाइम भी मिलता है।
बैन
प्राइवेसी को लेकर उठते रहे सवाल
रिपोर्ट यह भी बताती है कि ChatGPT के नए वर्जन के साथ माइक्रोसॉफ्ट बड़ी टेक कंपनियों और बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
दरअसल, पिछले साल नवंबर में ChatGPT को लॉन्च किया गया था और उसके बाद से प्राइवेसी को लेकर इस पर लगातार सवाल उठते रहे।
इटली सहित कुछ देशों में इसी वजह से इसके इस्तेमाल पर रोक भी लगा दी गई और कई यूरोपीय देश बैन के बारे में सोच रहे हैं।
जानकारी
यूजर्स बंद कर सकते हैं चैट हिस्ट्री
यूजर्स का भरोसा हासिल करने के लिए OpenAI प्राइवेसी पर काम कर रही है। अब यदि यूजर्स नहीं चाहते कि ChatGPT उनकी बातचीत सेव करे और उससे अपने AI को ट्रेनिंग दे तो वो चैट हिस्ट्री बंद कर सकते हैं।