
अपने डिवाइस की सुरक्षा बढ़ाने के लिए QR कोड का उपयोग कैसे करें?
क्या है खबर?
डिजिटल दुनिया में QR कोड अब सिर्फ जानकारी तक पहुंचने का साधन नहीं रहे, बल्कि यह सुरक्षा बढ़ाने का एक अहम माध्यम भी बन गए हैं। डेवलपर्स इन्हें ऐप सुरक्षा में शामिल कर यूजर्स को सुरक्षित और आसान अनुभव दे रहे हैं। QR कोड की मदद से न सिर्फ लॉगिन आसान होता है, बल्कि डाटा साझा करने और लेनदेन को सुरक्षित बनाने में भी इनका अहम योगदान है। इस कारण ये सुरक्षा उपाय और मजबूत हो जाते हैं।
#1
QR कोड के साथ टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन में QR कोड जोड़कर सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकता है। जब कोई यूजर लॉगिन करता है, तो ऐप विशिष्ट QR कोड तैयार करता है, जिसे स्कैन करना जरूरी होता है। यह स्कैनिंग किसी द्वितीयक डिवाइस से की जाती है, जिससे यूजर्स की पहचान पक्की हो जाती है। इस तरह केवल वही लोग लॉगिन कर पाते हैं, जिनके पास पासवर्ड और स्कैनिंग डिवाइस दोनों की पहुंच होती है, जिससे अनधिकृत प्रवेश का खतरा कम हो जाता है।
#2
पासवर्ड रहित लॉगिन सिस्टम
QR कोड पासवर्ड रहित लॉगिन की सुविधा भी देते हैं। इसमें यूजर को पासवर्ड याद रखने या टाइप करने की जरूरत नहीं होती। जब आप किसी डिवाइस पर लॉगिन करना चाहते हैं, तो वहां दिख रहे QR कोड को पहले से प्रमाणित किसी अन्य डिवाइस से स्कैन करना होता है। इससे आपकी पहचान सत्यापित हो जाती है। यह सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ पासवर्ड मैनेजमेंट की परेशानी को भी खत्म करता है और यूजर को आसानी प्रदान करता है।
#3
लेनदेन की सुरक्षित पुष्टि
ऐप्स में लेनदेन की पुष्टि करने के लिए डायनेमिक QR कोड का उपयोग किया जाता है। हर लेनदेन के लिए विशेष कोड तैयार होता है, जिसे यूजर स्कैन करके अनुमति देता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लेनदेन सीधे यूजर द्वारा ही अधिकृत है। UPI में इस तकनीक से अनधिकृत भुगतान और धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है। लेनदेन को सुरक्षित बनाने के इस तरीके से न केवल सुरक्षा बढ़ती है, बल्कि यूजर्स का भरोसा मजबूत होता है।