जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजन द्वारा लॉन्च किया नासा का एस्केपेड मिशन क्या है?
क्या है खबर?
अरबपति जेफ बेजोस की अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजन ने आज (14 नवंबर) फ्लोरिडा से अपने विशाल न्यू ग्लेन रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। 32 मंजिला दो चरणों में काम करने वाला रॉकेट केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च हुआ हैं। यह रॉकेट नासा के एस्केपेड मिशन के लिए 2 सैटेलाइट्स लेकर गया। यह न्यू ग्लेन के जनवरी में हुए पहले परीक्षण के बाद कंपनी का पहला बड़ा ग्राहक मिशन है, जिसके लॉन्च में मौसम कारण देरी हुई थी।
मिशन
एस्केपेड मिशन में क्या भेजा गया है?
इस मिशन का मुख्य हिस्सा नासा का एस्केपेड कार्यक्रम है, जिसमें (ब्लू और गोल्ड) 2 छोटे सैटेलाइट मंगल की कक्षा में भेजे जा रहे हैं। इन्हें लॉन्च के लगभग 30 मिनट बाद अपने 22 महीने के सफर पर रवाना किया जाना था। इनके साथ वायसैट का एक तकनीकी पेलोड भी जोड़ा गया है, जो पृथ्वी के ऊपर अंतरिक्ष संचार परीक्षण करेगा। इन सैटेलाइट्स का निर्माण रॉकेट लैब ने किया है और वैज्ञानिक उपकरण यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले ने दिए हैं।
उद्देश्य
मिशन का उद्देश्य और वैज्ञानिक लाभ
एस्केपेड मिशन का लक्ष्य यह समझना है कि सूर्य से आने वाली सौर हवाएं मंगल ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र और उसके बेहद पतले वायुमंडल पर क्या असर डालती हैं। दोनों सैटेलाइट लगभग 11 महीने तक मंगल के अंतरिक्ष मौसम का अध्ययन करेंगे। यह वैज्ञानिक जानकारी न केवल मंगल के वातावरण के विकास को समझने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य के मानव मिशनों की योजना बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे अंतरिक्ष अनुसंधान में ब्लू ओरिजिन की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
योजनाएं
ब्लू ओरिजिन की तैयारी और भविष्य की योजनाएं
स्पेस-X की तुलना में पीछे रहने के बाद ब्लू ओरिजन अब तेजी से बड़े रॉकेटों और वैज्ञानिक मिशनों में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है। कंपनी ने न्यू ग्लेन जैसे भारी रॉकेट पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। ब्लू ओरिजिन नासा के लिए चंद्र लैंडर, इंजन सप्लाई और अंतरिक्ष स्टेशन परियोजनाओं पर भी काम कर रही है। हालांकि, स्पेस-X काफी आगे है, लेकिन यह मिशन ब्लू ओरिजन के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है।