Page Loader
डिजिटल अरेस्ट स्कैम: भारतीयों ने 4 महीने में गंवाए 120 करोड़ रुपये; कैसे बचें?
डिजिटल अरेस्ट स्कैम में भारतीयों ने गंवाए 120 करोड़ रुपये (तस्वीर: पिक्साबे)

डिजिटल अरेस्ट स्कैम: भारतीयों ने 4 महीने में गंवाए 120 करोड़ रुपये; कैसे बचें?

Oct 28, 2024
09:48 am

क्या है खबर?

भारत में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिनमें 'डिजिटल अरेस्ट' स्कैम एक बड़ा खतरा बन गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल की पहली तिमाही में भारतीयों ने इस स्कैम में 120.30 करोड़ रुपये गंवाए हैं। बीते दिन (27 अक्टूबर) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बढ़ते साइबर खतरे पर चिंता जताई। इस ठगी में साइबर जालसाज लोगों को झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी देकर उनसे पैसे ऐंठते हैं।

देश

इन देशों से हुई ठगी

गृह मंत्रालय के अनुसार, हाल ही में डिजिटल अरेस्ट स्कैम साइबर धोखाधड़ी का एक आम तरीका बन गई हैं। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की रिपोर्ट बताती है कि जनवरी से अप्रैल के बीच 46 प्रतिशत साइबर धोखाधड़ी म्यांमार, लाओस और कंबोडिया से हुई, जिसमें भारतीय लोगों को लगभग 1,776 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इन देशों से होने वाली इस धोखाधड़ी में लोगों को ऑनलाइन फंसाकर उनके पैसे ठग लिए जाते हैं।

नुकसान

इतना हुआ भारतीयों को नुकसान

नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के अनुसार, इस साल 1 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच 7.4 लाख साइबर अपराध शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि 2023 में कुल 15.56 लाख और 2022 में 9.66 लाख शिकायतें थीं। इस समय 4 प्रमुख घोटाले चलन में हैं, जिसमें डिजिटल अरेस्ट, ट्रेडिंग, निवेश, और रोमांस या डेटिंग शामिल हैं। इन घोटालों में भारतीयों ने क्रमशः 120.30 करोड़, 1,420.48 करोड़, 222.58 करोड़ और 13.23 करोड़ रुपये गंवाए।

ठगी

ऐसे होती है लोगों से ठगी

डिजिटल अरेस्ट में पीड़ितों को एक कॉल आती है, जिसमें कहा जाता है कि उन्होंने अवैध सामान, जैसे ड्रग्स या नकली पासपोर्ट, भेजा है। कभी-कभी उनके रिश्तेदारों को बताया जाता है कि वे किसी अपराध में शामिल हैं। एक बार जब अपराधी पीड़ित को फंसा लेते हैं, तो वे वीडियो कॉल पर संपर्क करते हैं। वर्दी में दिखकर वे पैसे की मांग करते हैं और पीड़ितों को डिजिटल रूप से गिरफ्तार कर देते हैं, जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं।

बचाव

ऐसी ठगी से कैसे बचें?

ऐसी ठगी से बचने के लिए अनजान नंबर से आए किसी कॉल पर दिए गए निर्देशों का पालन न करें। कोई भी ऐसा कॉल आने पर घबराएं नहीं और तत्काल अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाकर शिकायत दर्ज कराएं। अपनी व्यक्ति और व्यक्तिगत जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ साझा ना करें और वित्तीय लेनदेन भी ना करें। ठगी की आशंका होने पर तत्काल साइबर अपराध सेल और अपने बैंक में शिकायत करें।