
भारतीय नौसेना समुद्र में तैनात करेगी स्वदेशी ड्रोन, इस कंपनी से मिलाया हाथ
क्या है खबर?
भारतीय नौसेना समुद्र की गहराइयों में बेहतर मारक क्षमता वाले वाले स्वदेशी तकनीक से विकसित ड्रोन तैनात करने की तैयारी कर रही है। एडवांस अंडरवाटर रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (UWROV) की आपूर्ति के लिए उसने कोच्चि स्थित समुद्री रोबोटिक्स स्टार्टअप EyeROV के साथ 47 करोड़ रुपये का अनुबंध किया है। इन UWROV का विभिन्न वातावरणों में परीक्षण किया गया है, जिसमें अंटार्कटिक सागर में पानी के नीचे अध्ययन और संचालन के लिए 400 मीटर से अधिक गहराई वाले मिशन शामिल हैं।
खासियत
क्या है इन ROV की खासियत?
EyeROV का ट्राउट मॉडल 300 मीटर गहराई तक मार करने वाला रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROV) रक्षा और व्यावसायिक दोनों तरह के उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है। इसे पानी के भीतर निगरानी और जासूसी जैसे कार्यों के लिए विभिन्न पेलोड से लैस किया जा सकता है। कंपनी ने पहले भी आपदा प्रबंधन, बांध सुरक्षा निरीक्षण और नौसैनिक एप्लिकेशंस से संबंधित प्रोजेक्ट्स में अपने सिस्टम तैनात किए हैं। उसकी तकनीकी संरचना पूरी तरह से भारत में विकसित की गई है।
बयान
कंपनी ने सौदे को लेकर क्या कहा?
सौदे को लेकर कंपनी के सह-संस्थापक जॉन्स टी. मथाई ने कहा, "यह सम्मान पिछले 8 वर्षों के हमारे समर्पित प्रयासों का सच्चा पुरस्कार है। हमारा उद्देश्य हमेशा से वैश्विक मानकों के अनुरूप तकनीकें प्रदान करके राष्ट्र की सेवा करना रहा है।" 2017 में स्थापित EyeROV ने भारत, मध्य पूर्व, एशिया-प्रशांत और यूरोप में 100 से ज्यादा ड्रोन तैनात किए हैं। इसके ग्राहकों में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), भारतीय तटरक्षक बल, CSIR और NCPOR शामिल हैं।