नकली बैंक ऐप को इंस्टॉल करने से पहले कैसे पहचानें?
क्या है खबर?
नकली बैंकिंग ऐप्स अब ऑनलाइन धोखाधड़ी का आम तरीका बन गए हैं, क्योंकि ये असली बैंक ऐप की तरह दिखते हैं और लोगों को पासवर्ड, OTP और अकाउंट नंबर जैसी जानकारी देने के लिए बहला लेते हैं। ये ऐप्स सर्च रिजल्ट, गलत ऐप स्टोर, स्कैम SMS लिंक या सोशल मीडिया विज्ञापनों में आसानी से दिखाई देते हैं। ऐसे में किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से पहले एक बार ध्यान से जांचना बेहद जरूरी माना जाता है।
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असली पब्लिशर का नाम कैसे पहचानें?
किसी बैंकिंग ऐप की पहचान करने का सबसे भरोसेमंद तरीका पब्लिशर का नाम देखना है, क्योंकि असली ऐप हमेशा बैंक के आधिकारिक नाम से ही लिस्ट होता है। नकली ऐप्स अक्सर नाम में छोटा बदलाव करके 'प्रो', 'सिक्योर' या 'ऑनलाइन सर्विसेज' जैसे शब्द जोड़ देते हैं। कभी भी सिर्फ आइकन या ऐप के नाम पर भरोसा न करें, बल्कि नीचे स्क्रॉल करके पब्लिशर की सटीक जानकारी पढ़ें और तभी इंस्टॉल करने का फैसला लें।
#2
डाउनलोड नंबर और रिव्यू जरूर देखें
असली बैंकिंग ऐप्स के लाखों डाउनलोड और पुराने समय से लगातार मिले रिव्यू होते हैं, जो उनकी विश्वसनीयता दिखाते हैं। इसके उलट संदिग्ध ऐप्स के केवल कुछ सौ या कुछ हजार डाउनलोड दिखते हैं और उनके रिव्यू कॉपी-पेस्ट, सामान्य या खराब अंग्रेजी में लिखे हुए लगते हैं। अगर आपको कम समय में कई एक जैसे फाइव-स्टार रिव्यू दिखाई दें, तो इसे चेतावनी मानें और ऐसे ऐप्स को तुरंत इंस्टॉल करने से बचें।
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संदिग्ध लिंक और ऐप परमिशन पर नजर रखें
असली बैंक कभी भी SMS, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम या ईमेल लिंक के जरिए ऐप डाउनलोड करने के लिए नहीं कहते, इसलिए ऐसे किसी भी लिंक या APK फाइल से दूरी रखें। ऐप इंस्टॉल करते समय परमिशन लिस्ट भी ध्यान से देखें, क्योंकि असली ऐप सिर्फ जरूरी एक्सेस मांगता है, जबकि नकली ऐप अनावश्यक रूप से कॉन्टैक्ट्स, कॉल लॉग, स्क्रीन रिकॉर्डिंग या नोटिफिकेशन पढ़ने की अनुमति मांग सकता है। ऐसी स्थिति में इंस्टॉलेशन को तुरंत रोक दें और ऐप को असुरक्षित मानें।