भारत में साल के अंत तक शुरू हो सकता है पहला सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र
कोरोना वायरस से बाधित हुई सप्लाई चेन पटरी पर वापस लौट ही रही थी कि यूक्रेन-रूस युद्ध ने इसकी बहाली पर ब्रेक लगा दिया। इस दौरान सेमीकंडक्टर चिप की कमी और इसकी सप्लाई में बाधा काफी ज्यादा चर्चा में रही, जिससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लेकर कार और बाइक का निर्माण प्रभावित हुआ। इसके बाद भारत में सेमीकंडक्टर के निर्माण का प्रयास किया जाने लगा। उम्मीद है कि साल के अंत तक भारत में इसकी एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू हो जाएगी।
कम से कम एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम शुरू होने की उम्मीद
ET ने एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार को उम्मीद है कि 2023 में जिन कुछ सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्रॉजेक्ट्स को मंजूरी मिलने की उम्मीद है, उनमें से कम से कम एक में साल के अंत तक काम शुरू हो जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के विशेषज्ञ पैनल ने आवेदकों के प्रस्तावों के लिए अपनी रेटिंग को पहले के 3 या 4 से सुधार कर 9 किया है। ये रेटिंग 10 में से है।
76,000 करोड़ रुपये की है सरकार की सेमीकंडक्टर योजना
रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों ने सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए भारत की महत्वाकांक्षी 76,000 करोड़ रुपये की योजना के लिए प्रस्तावों का मूल्यांकन किया। IT मंत्रालय ने सेमीकंडक्टर विशेषज्ञों की एक 17 सदस्यीय सलाहकार समिति की नियुक्ति की घोषणा की थी। इसमें पेंटियम चिप के जनक माने जाने वाले इंटेल के पूर्व कार्यकारी अधिकारी विनोद धाम, सेमीकंडक्टर फर्म ग्लोबल फाउंड्री के पूर्व प्रमुख अजीत मनोचा, क्रेडिट सुइस के नीलकंठ मिश्रा और HCL के अजय चौधरी शामिल हैं।
सरकार को अभी तक मिले हैं तीन प्रस्ताव- रिपोर्ट
सरकार ने अभी यह घोषित नहीं किया है कि किन प्रस्तावों को ज्यादा रेटिंग मिली है, जिनके स्वीकृत होने की संभावना है। अब तक केंद्र को सेमीकंडक्टर चिप निर्माण के लिए तीन प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें अबू धाबी स्थित नेक्स्ट ऑर्बिट वेचर्स के नेतृत्व वाला इंटरनेशनल सेमीकंडक्टर कंसोर्टियम (ISMC) भी शामिल है। दो अन्य आवेदक सिंगापुर स्थित IGSS वेंचर्स और वेदांता-फॉक्सकॉन का ज्वाइंट वेंचर हैं। राजेश एक्सपोर्ट्स और वेदांता-फॉक्सकॉन डिस्प्ले फैब स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं।
सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए दूसरा आवेदन मार्च तक खुलने की उम्मीद
इस महीने की शुरुआत में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि फैब स्थापित करने के लिए सरकार चार वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियों से बातचीत कर रही है। इनमें न्यूयॉर्क में मुख्याल वाली ग्लोबल फाउंड्रीज और एक कोरियाई सेमीकंडक्टर फर्म शामिल है। सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए आवेदनों का दूसरा दौर मार्च तक खुलने की उम्मीद है। मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि पहले दौर में मिले बाकी प्रस्तावों को मंजूरी मिलने की संभावना नहीं है।
50 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन के तौर पर देगी केंद्र
केंद्र भी चाहता है कि फॉक्सकॉन भारत में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करे और यह ताइवानी चिपमेकर वेदांता के साथ अपना संयुक्त उद्म शुरू करे। 2021 में घोषित योजना के अनुसार, केंद्र सरकार परियोजना की कुल लागत का 50 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन के तौर पर देगी। इसके अलावा जिन राज्यों में सेमीकंडक्टर बनाने की इकाइयां स्थापित होंगी, वहां की सरकारें भी सब्सिडी देंगी। सब्सिडी और प्रोत्साहन राशि मिलाकर प्रोजेक्ट की कुल लागत का लगभग 70-75 प्रतिशत होगा।
सेमीकंडक्टर क्या होते हैं?
हॉस्पिटल में इस्तेमाल होने वाली मशीनों से लेकर मोबाइल, कंप्यूटर, कार, अंतरिक्ष यान, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी से जुड़ी हर मशीन में सेमीकंडक्टर केंद्र और मस्तिष्क के रूप में कार्य करते हैं। सेमीकंडक्टर का जहां निर्माण होता है, उसे फैब या फाउंड्री कहते हैं। पिछले हफ्ते ही IT मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन ईकोसिस्टम पर एक सेमीकॉन इंडिया सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें IT मंत्री के साथ-साथ IT सचिव और पैनल के विशेषज्ञ भी शामिल रहे।