गूगल भारत में शुरू कर सकती है पिक्सल फोन की मैन्युफैक्चरिंग, तलाश रही सप्लायर
अमेरिका की बड़ी टेक कंपनी गूगल भी शायद ऐपल के रास्ते पर चलने की तैयारी में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल अपने पिक्सल स्मार्टफोन की असेंबली के लिए भारतीय सप्लायर तलाश रही है। ऐपल ने हाल ही में भारत में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई है। इससे पहले ऐपल चीन में बड़े पैमाने पर आईफोन मैन्युफैक्चरिंग करती थी, लेकिन कुछ कारणों के चलते कंपनी चीन से अपनी निर्भरता कम कर भारत में भरोसा दिखा रही है।
भारत के घरेलू सप्लायर्स के साथ गूगल की बातचीत
ब्लूमबर्ग न्यूज ने इस मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए बताया कि गूगल ने अपने पिक्सल स्मार्टफोन के कुछ प्रोडक्शन को भारत में शुरू करने के लिए घरेलू सप्लायर्स के साथ शुरुआती बातचीत शुरू कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने भारतीय मोबाइल निर्माता कंपनी लावा इंटरनेशनल लिमिटेड, डिक्सन टेक्नोलॉजीज इंडिया और फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप की भारतीय इकाई भारत FIH से बात की है। हालांकि, बातचीत से जुड़ी ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है।
भारत के फोन बाजार में है चीनी फोन का दबदबा
गूगल उन संभावित पार्टनर के साथ चर्चा कर रही है, जिन्होंने उत्पादन से जुड़ी केंद्र सरकार की PLI स्कीम हासिल की है। ऐपल ने पहले ही भारत में अपने सप्लायर नेटवर्क को बढ़ाने के लिए इस PLI स्कीम का लाभ उठाया है और उसे इसका लाभ भी मिला है। गूगल के लिए भी भारत एक प्रमुख बाजार है, लेकिन यहां के फोन बाजार में कम कीमत वाले चीनी कंपनियों के फोन का दबदबा है।
स्थानीय असेंबली से कम हो सकती है पिक्सल फोन की कीमत
रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों ने कहा कि स्थानीय असेंबली से गूगल पिक्सल स्मार्टफोन की कीमत भी सस्ती हो सकती है और इससे पिक्सल की बिक्री बढ़ने में मदद मिल सकती है। अगर गूगल का यह प्रयास सफल रहता है तो कंपनी अपने गूगल स्पीकर सहित अन्य हार्डवेयर के उत्पादन को भी भारत में स्थानांतरित कर सकती है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि गूगल भारत में पिक्सल की मैन्युफैक्चरिंग करने का फैसला लेती है या नहीं।
सुरक्षित विकल्प की तलाश में कंपनियां
टेक जगत की वैश्विक कंपनियां भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देख रही हैं। चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते भी तनावपूर्ण हैं। इससे भी कंपनियां सुरक्षित विकल्प तलाश रही हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल अमेरिका दौरे पर हैं। वहां दोनों देशों के बीच तकनीकी व्यापार की बाधाओं को दूर करने के मुद्दे पर भी बातचीत की उम्मीद है। इससे अमेरिकी कंपनियों को भारत में व्यापार करना और आसान हो सकता है।