
पूर्ण चंद्र ग्रहण से लाल हो जाएगा आसमान, जानिए कब और कहां दिखेगा यह नजारा
क्या है खबर?
आसमान में 7 और 8 सितंबर को खगोलीय घटनाएं देखने को मिलेंगे। इस दौरान पूर्ण चंद्र ग्रहण नजर आएगा, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है। इससे पहले अंतरिक्ष प्रेमी एक और अद्भुत घटना देख सकेंगे, जिसे कॉर्न मून कहा जाता है। यह पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों सहित उत्तरी अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगी। भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण रविवार रात 11:01 बजे से 12:23 बजे तक 82 मिनट रहेगा।
चंद्र ग्रहण
क्या होता है चंद्र ग्रहण?
नासा के अनुसार, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के समय होता है, जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के ठीक बीच में होती है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है, जिससे वह मंद पड़ जाती है। कभी-कभी कुछ घंटों के दौरान चंद्रमा की सतह लाल रंग की हो जाती है। प्रत्येक चंद्र ग्रहण पृथ्वी के आधे हिस्से से दिखाई देता है। चंद्रमा का रंग लाल हो जाने के कारण इसे ब्लड मून भी कहा जाता है।
चरण
कई चरणों में पूरी होती है ग्रहण की प्रक्रिया
चंद्र ग्रहण की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। सबसे पहले चंद्रमा उपछाया (पेनम्ब्रा) में प्रवेश करता है, जो पृथ्वी की धुंधली बाहरी छाया होती है। उसके बाद अंधकारमय केंद्रीय छाया (अम्ब्रा) में प्रवेश करता है और जैसे-जैसे चंद्रमा उपछाया में गहराई तक जाता है, वह काला पड़ने लगता है, जिससे आंशिक ग्रहण होता है। पूरी तरह से डूब जाने पर चंद्रमा एक आकर्षक लाल रंग धारण कर लेता है, जो पूर्ण ग्रहण चरण का संकेत देता है।