पत्रकारों को निशाना बना रहे थे चाइनीज हैकर्स, फेसबुक ने लिया ऐक्शन
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने एक चाइनीज हैकिंग ग्रुप के खिलाफ ऐक्शन लिया है। यह ग्रुप ढेरों सोशल मीडिया यूजर्स और खासकर जिनझियांग क्षेत्र में रहने वाले उईगरों को निशाना बना रहे थे। कंपनी की साइबर इस्पियोनेज टीम ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी और बताया कि फेसबुक ने हैकर्स को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। टीम ने बताया कि ये हैकर्स प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करते हुए मालवेयर फैलाने की कोशिश कर रहे थे।
कर रहे थे अकाउंट हैक करने की कोशिश
कंपनी के हेड ऑफ साइबर इस्पियोनेज इन्वेस्टिगेशंस माइक डेविल्यान्स्की और हेड ऑफ सिक्योरिटी पॉलिसी नाथेनियल ग्लेशर ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, "आज हम उन ऐक्शंस के बारे में बताने जा रहे हैं, जो चाइनीज हैकर्स के एक ग्रुप के खिलाफ लिए गए हैं। सिक्योरिटी इंडस्ट्री में अर्थ एम्पुसा और एविल आई नाम वाले ग्रुप हमारे प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कर मालवेयर फैलाने और इंटरनेट पर यूजर्स के अकाउंट हैक करने के लिए कर रहे थे।"
ऐक्टिविस्ट और पत्रकारों को बना रहे थे शिकार
कंपनी ने बताया कि ये हैकर्स चीन से बाहर तुर्की, कजाकस्तान, अमेरिका, सीरिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और दूसरे देशों में रहने वाले उईगर समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे थे। हैकर्स की कोशिश इस समुदाय से जुड़े ऐक्टिविस्ट और पत्रकारों के अकाउंट्स हैक करने की थी। फेसबुक ने पाया कि चाइनीज फर्म्स बेस्ट यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेट लिमिटेड (Best Lh) और डालियन 9रश टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेट लिमिटेड (9Rush) हैकर्स की ओर से इस्तेमाल किए जाए मालवेयर्स के पीछे हैं।
हैकर्स ने किया फर्जी लिंक्स का इस्तेमाल
फेसबुक ने चाइनीज हैकर्स की कोशिशों को मालिशियस डोमेन्स अपने प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक कर फेल कर दिया है। कंपनी ने ग्रुप के अकाउंट्स भी हटा दिए हैं और जिन यूजर्स को टारगेट किया था, उन्हें इस बात की जानकारी भी दी है। दरअसल, हैकर्स ने उईगर और तुर्की वेबसाइट्स की नकली मालिशियस कॉपी तैयार कर दी थी और ऐसी फेक वेबसाइट्स की मदद से यूजर्स को टारगेट कर रहे थे।
फेक अकाउंट्स और लिंक्स दोनों से रहें बचकर
पोस्ट में फेसबुक ने बताया, "इस हैकर्स ग्रुप ने फेसबुक पर ढेर सारे फेक अकाउंट्स बनाए थे और अलग-अलग पत्रकारों, स्टूडेंट्स, ह्यूमन राइट ऐक्टिविस्ट और उईगर समुदाय के सदस्यों की तरह पोस्ट कर उनका हिस्सा बन रहे थे।" हैकर्स का अलग कदम इन अकाउंट्स से मालिशियस लिंक्स शेयर करने और दूसरों से उसपर क्लिक करवाने का था। जरूरी है कि सोशल मीडिया पर आप उसी अकाउंट को ऐड करें, जो भरोसा करने के लायक हो।