हैकर्स फोरम पर दिखा 1.5 अरब फेसबुक यूजर्स का डाटा, बिक्री के लिए था उपलब्ध
क्या है खबर?
फेसबुक का इतिहास यूजर्स डाटा की सुरक्षा को लेकर अच्छा नहीं रहा है और एक बार फिर करोड़ों यूजर्स का डाटा ऑनलाइन दिखा है।
हालांकि, इस बार ऑनलाइन दिखा 1.5 अरब यूजर्स का डाटा पब्लिक था और कोई पर्सनल डाटा लीक नहीं हुआ है।
हैकर्स ने यूजर्स के पब्लिक डाटा को जुटाकर बड़ा डाटाबेस तैयार किया है, जिसे बिक्री के लिए हैकर्स फोरम पर रखा गया था।
फिलहाल, यह डाटा फोरम से हटा लिया गया है और उपलब्ध नहीं है।
रिपोर्ट
चोरी किए गए डाटा में नाम से लेकर फोन नंबर तक शामिल
प्राइवेसी रिसर्च कंपनी प्राइवेसी अफेयर्स ने बताया कि ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध डाटा में ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं, जिन्हें लेकर कहा जाए कि हैकर्स ने फेसबुक के सिस्टम को नुकसान पहुंचाया।
रिसर्चर्स का कहना है कि इस डाटा को यूजर्स की पब्लिक इन्फॉर्मेशन को स्क्रैप कर जुटाया गया था।
चोरी किए गए डाटा में यूजर्स के नाम, ईमेल एड्रेस, लोकेशन, जेंडर, फोन नंबर और फेसबुक यूजर ID जैसी जानकारी शामिल है।
स्क्रैपिंग
क्या होता है डाटा स्क्रैपिंग का मतलब?
स्क्रैपिंग दरअसल इंटरनेट यूजर्स के पब्लिक डाटा को एकसाथ जुटाने का तरीका है।
इसमें इंटरनेट पर उपलब्ध यूजर्स की जानकारी जुटाई जाती है और इसे डाटाबेस और लिस्ट में व्यवस्थित किया जाता है।
फेसबुक जैसी वेबसाइट्स पर यह काम ऑनलाइन क्विज या गेम्स के जरिए किया जा सकता है, जिन्हें खेलने के लिए फेसबुक अकाउंट की मदद से लॉगिन करना होता है।
इस डाटा की मदद से यूजर्स का प्रोफाइल तैयार कर उसे स्कैम का शिकार बनाया जा सकता है।
राहत
फोरम से हटाया गया डाटाबेस
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेसबुक की ओर से टेकडाउन रिक्वेस्ट भेजने के बाद इस डाटाबेस को हैकर फोरम से हटा दिया गया है।
रिसर्च आर्टिकल में एक हैकर के हवाले से कहा गया है कि यह जानकारी करीब चार साल पुराने स्क्रैपिंग बिजनेस की मदद से जुटाई गई थी।
रिपोर्ट में दूसरों की ओर से खरीदे गए कुछ सैंपल्स भी वेरिफाइ किए गए हैं।
वहीं, कुछ ग्राहकों का कहना है कि भुगतान करने के बावजूद उन्हें कोई डाटा नहीं भेजा गया।
सलाह
पब्लिक ना करें अपना अकाउंट
डाटा चोरी से जुड़ी पोस्ट हैकर्स फोरम से हटा ली गई है और अब कोई फेसबुक डाटा बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है।
हालांकि, अगर आप डाटा सुरक्षा को लेकर सतर्क रहते हैं और स्क्रैपिंग से बचना चाहते हैं तो अपने फेसबुक प्रोफाइल को पब्लिक ना करें।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को प्रोफाइल लॉक करने का विकल्प भी मिलता है, जिससे दूसरे यूजर्स पर्सनल जानकारी नहीं देख सकते और उन्हें सीमित जानकारी ही दिखाई जाती है।
लीक
अप्रैल में लीक हुआ था यूजर्स का डाटा
अप्रैल महीने में भी बड़े फेसबुक डाटा लीक का मामला सामने आया था और 53.3 करोड़ यूजर्स की जानकारी लीक हुई थी।
इसमें उनके कॉन्टैक्ट नंबर, फेसबुक ID और बर्थडे वगैरह शामिल थे।
रिपोर्ट में कहा गया था कि जिन यूजर्स का डाटा सामने आया, उनमें 3.2 करोड़ अमेरिका, 1.1 करोड़ UK और 60 लाख भारत के यूजर्स शामिल हैं।
प्रभावित यूजर्स में फेसबुक CEO मार्क जुकरबर्ग और को-फाउंडर्स क्रिस ह्यूज, डस्टिन मोस्कोविज भी शामिल थे।