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दिवाली: अपने स्मार्टफोन से ग्रीन पटाखों की पहचान कैसे करें? 
स्मार्टफोन से ग्रीन पटाखों की पहचान कर सकते हैं

दिवाली: अपने स्मार्टफोन से ग्रीन पटाखों की पहचान कैसे करें? 

Oct 20, 2025
12:14 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर दिल्ली-NCR में केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की अनुमति दी है। यह अनुमति 18 से 21 अक्टूबर तक के लिए दी गई है। अदालत ने CPCB और राज्य प्रदूषण बोर्ड को वायु गुणवत्ता पर नजर रखने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि यह फैसला अस्थायी है और इसका मकसद त्यौहार के दौरान बढ़ते प्रदूषण को कम करना है। पुलिस टीमों को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

ग्रीन पटाखे

क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं। इन्हें वैज्ञानिक संस्था CSIR-NEERI ने बनाया है। इन पटाखों में बेरियम और सल्फर जैसे हानिकारक रसायन नहीं होते। इन्हें ऐसे तरीके से तैयार किया गया है, जिससे हवा में छोड़े जाने वाले धुएं और जहरीली गैसों की मात्रा लगभग 30 प्रतिशत तक कम हो जाती है। यह सामान्य पटाखों की तरह ही जलते हैं, बस इनका रासायनिक मिश्रण पर्यावरण के लिए सुरक्षित होता है।

तरीका

स्मार्टफोन से ऐसे करें पहचान

ग्रीन पटाखों की पहचान करना अब आसान है। हर अधिकृत ग्रीन पटाखे के पैकेट पर एक 'ग्रीन फायरवर्क्स'/लोगो और एक QR कोड छपा होता है। यह QR कोड 'CSIR-NEERI ग्रीन QR कोड' ऐप से स्कैन किया जा सकता है। स्कैन करने पर उत्पाद के निर्माता, प्रमाणन और वैधता की जानकारी मिल जाती है। बिना लोगो या QR कोड वाले पटाखे गैरकानूनी माने जाते हैं और इन्हें बेचने या जलाने की अनुमति नहीं है।

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असर

ग्रीन पटाखे कितने असरदार हैं?

ग्रीन पटाखे पूरी तरह प्रदूषण मुक्त नहीं हैं, लेकिन ये पारंपरिक पटाखों की तुलना में बेहतर विकल्प हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इनमें पीएम, SO₂ और NO₂ जैसे प्रदूषकों का स्तर 30 प्रतिशत तक कम होता है। इन्हें 3 प्रकारों (SWAS, STAR और SAFAL) में बांटा गया है। इन पटाखों का मुख्य उद्देश्य दिवाली जैसे त्योहारों में पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है ताकि हवा थोड़ी साफ रह सके।

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