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त्योहारी सीजन में AI के जरिए 3 में से 1 भारतीय हुआ ठगी का शिकार- रिपोर्ट
त्योहारी सीजन में AI के जरिए 3 में से 1 भारतीय हुआ ठगी का शिकार (तस्वीर: पिक्साबे)

त्योहारी सीजन में AI के जरिए 3 में से 1 भारतीय हुआ ठगी का शिकार- रिपोर्ट

Oct 20, 2025
10:13 am

क्या है खबर?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने से कई क्षेत्रों में काम तेज हो गया है, लेकिन अब साइबर अपराधी इसका इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए कर रहे हैं। मैकएफी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 3 में से 1 भारतीय त्योहारी सीजन में धोखाधड़ी का शिकार हुआ है और उनमें से 37 प्रतिशत ने पैसे गंवा दिए। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि AI ने जालसाजों के लिए धोखाधड़ी को तेज और सस्ता और भरोसेमंद बना दिया है।

तरीके 

AI आधारित धोखाधड़ी के तरीके 

AI की मदद से की गई धोखाधड़ी में नकली सेलिब्रिटी प्रचार, गिफ्ट कार्ड, OTP और रिफंड के झूठे घोटाले शामिल हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि AI की मदद से धोखेबाज आसानी से लोगों की निजी जानकारी लेकर उन्हें फंसाते हैं। वे डर, अकाउंट बंद होने की धमकी और उलटी गिनती जैसी तरकीबें इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को धोखा देते हैं। ज्यादा ऑनलाइन खरीदारी करने वाले लोग इन झूठे धोखों के सबसे ज्यादा शिकार होते हैं।

चुनौतियां

साइबर कानून और नियमों की चुनौतियां

भारत के मौजूदा साइबर कानून AI आधारित धोखाधड़ी से पूरी तरह निपटने में सक्षम नहीं हैं। मौजूदा IT अधिनियम छिपी हुई पहचान और डाटा चोरी पर दंड देता है, लेकिन डीपफेक और सिंथेटिक कंटेंट से होने वाले नुकसान को नियंत्रित नहीं कर पाता। विशेषज्ञ कहते हैं कि बेहतर तकनीकी उपकरण, सक्रिय प्रवर्तन और अंतर-विभागीय तालमेल की आवश्यकता है, ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षा और धोखाधड़ी की रोकथाम में मदद मिल सके।

अधिनियम 

डिजिटल इंडिया अधिनियम 

प्रस्तावित डिजिटल इंडिया अधिनियम में वेबसाइट्स और ऐप्स के दायित्व, एल्गोरिदम की पारदर्शिता और AI से बने कंटेंट के नियम बनाए जाने की उम्मीद है। विशेषज्ञ बताते हैं कि केवल ये नियम ही पर्याप्त नहीं होंगे और लोगों की जागरूकता भी बहुत जरूरी है। AI और मार्केटिंग के बीच का फर्क अब साफ नहीं दिखता, इसलिए सतर्क और जागरूक लोग ही खुद को धोखाधड़ी से पूरी तरह बचा सकते हैं।