
कर्सर का वेब ऐप लॉन्च, ब्राउजर से सीधे AI कोडिंग एजेंट चला सकेंगे यूजर्स
क्या है खबर?
वायरल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कोडिंग टूल कर्सर के पीछे की कंपनी एनीस्फीयर ने आज (1 जुलाई) एक नया वेब ऐप लॉन्च किया है। अब यूजर्स सीधे अपने किसी वेब ब्राउजर से AI कोडिंग एजेंटों को मैनेज कर सकेंगे। इससे पहले कंपनी का मुख्य टूल एक IDE था, लेकिन अब वह अपने AI टूल्स को ज्यादा जगहों पर उपलब्ध कराने और यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है।
कोड
बिना निगरानी खुद कोड करेगा AI एजेंट
इस वेब ऐप के जरिए यूजर्स ब्राउजर पर ही AI एजेंट को फीचर जोड़ने या बग्स ठीक करने जैसे काम सौंप सकते हैं। मई में कंपनी ने बैकग्राउंड एजेंट लॉन्च किए थे जो बिना निगरानी कोडिंग कर सकते हैं। इसके बाद जून में स्लैक इंटीग्रेशन आया, जिससे यूजर @Cursor टैग करके एजेंट को काम दे सकते हैं। अब यह वेब ऐप उन सभी फीचर्स को एक जगह लाकर काम को और आसान बना रहा है।
खासियत
यूजर्स टीम के साथ काम कर सकते हैं लाइव
कर्सर वेब ऐप के जरिए यूजर अपने AI एजेंट की प्रगति देख सकते हैं, काम पूरा होने के बाद उसे कोडबेस में मर्ज भी कर सकते हैं। हर एजेंट का एक यूनिक लिंक होता है जिससे टीम के अन्य सदस्य भी उसकी प्रगति देख सकते हैं। अगर एजेंट कोई काम पूरा नहीं कर पाता, तो यूजर आसानी से IDE में जाकर वह काम खुद संभाल सकते हैं। कंपनी का फोकस 'डेमो-वेयर' से बचकर काम करने पर रहा है।
राजस्व
50 करोड़ डॉलर राजस्व और बढ़ते ग्राहक
एनीस्फीयर का दावा है कि कर्सर का वार्षिक राजस्व अब 50 करोड़ डॉलर (लगभग 4,200 करोड़ रुपये) से ऊपर है और इसे फॉर्च्यून 500 की आधी से अधिक कंपनियां इस्तेमाल कर रही हैं। कंपनी ने हाल ही में 200 डॉलर प्रति माह (लगभग 17,000 रुपये) वाला प्रो टियर भी लॉन्च किया है। कर्सर का नया वेब ऐप फिलहाल उन्हीं ग्राहकों के लिए है जो भुगतान वाले प्लान पर हैं, जबकि मुफ्त यूजर के लिए यह उपलब्ध नहीं है।