
चीन ने गोल्डन डोम जैसी वैश्विक रक्षा प्रणाली का प्रोटोटाइप किया तैनात
क्या है खबर?
चीन ने एक वैश्विक मिसाइल रक्षा प्रणाली का कार्यशील प्रोटोटाइप तैनात करने की घोषणा की है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रणाली को 'डिस्ट्रिब्यूटेड अर्ली वार्निंग डिटेक्शन बिग डाटा प्लेटफॉर्म' कहा गया है। यह दुनियाभर से 1,000 मिसाइलों को एक साथ ट्रैक करने में सक्षम है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रणाली वैश्विक खतरों का प्रबंधन करने और डाटा प्रोसेसिंग में बड़ी सफलता साबित हो सकती है। यह चीन की तकनीकी ताकत को दर्शाती है।
खासियत
क्या है इसकी खासियत?
इस प्रणाली में अंतरिक्ष, समुद्र, हवा और जमीन पर लगे सेंसर शामिल हैं। यह सिस्टम संभावित खतरों को तुरंत पहचान और उनका विश्लेषण कर सकती है। यह मिसाइल के उड़ान रास्ते, हथियार का प्रकार और असली या नकली वारहेड होने की जानकारी देती है। इससे मिसाइल रोकने वाली प्रणालियां ज्यादा सही तरीके से काम कर सकती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अलग-अलग सैन्य प्लेटफॉर्म से डाटा एक साथ जोड़कर तेजी से जांच और विश्लेषण कर सकती है।
तुलना
गोल्डन डोम पहल और अमेरिकी तुलना
अमेरिका ने मई में गोल्डन डोम पहल की घोषणा की थी। यह योजना अंतरिक्ष आधारित अवरोधन परत के साथ 3 भूमि-आधारित परतों को भी शामिल करती है। इनमें से 3 स्थल अमेरिकी महाद्वीप में और 2 हवाई व अलास्का में स्थित होंगे। योजना में ग्राउंड-बेस्ड मिडकोर्स डिफेंस प्रणाली को उन्नत कर दूसरी परत बनाई जाएगी। पेंटागन का लक्ष्य है कि ये सभी परतें हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइल जैसे खतरों को रोक सकें।
अन्य
चौथी परत और सीमित क्षेत्र रक्षा
गोल्डन डोम पहल की चौथी परत सीमित क्षेत्र रक्षा के लिए होगी, जिसका उद्देश्य प्रमुख जनसंख्या केंद्रों की सुरक्षा करना है। इसमें नए रडार और 'कॉमन' लॉन्चर शामिल हैं, जो मौजूदा और भविष्य के इंटरसेप्टर लॉन्च करेंगे। इसके साथ ही, इसमें पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली का भी उपयोग हो सकता है। पेंटागन का कहना है कि ये सभी परतें मिलकर विभिन्न प्रकार की मिसाइलों और खतरों से सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी और वैश्विक मिसाइल रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेंगी।