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चंद्रयान-2 ने किया चंद्रमा पर सूर्य के प्रभाव का अवलोकन, ऐसा करने वाला पहला मिशन 
चंद्रयान-2 ने चंद्रमा पर सूर्य के प्रभाव का अवलोकन किया है

चंद्रयान-2 ने किया चंद्रमा पर सूर्य के प्रभाव का अवलोकन, ऐसा करने वाला पहला मिशन 

Oct 19, 2025
03:18 pm

क्या है खबर?

भारत के चंद्रयान-2 मिशन ने एक ऐतिहासिक अवलोकन किया है, जो चंद्रमा के वायुमंडल पर सौर कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के प्रभावों को प्रत्यक्ष रूप से देखने वाला पहला मिशन है। इस अभूतपूर्व खोज की पुष्टि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने की है। यह न केवल चंद्र बाह्यमंडल और अंतरिक्ष मौसम के बारे में हमारी समझ को बढ़ाता है, बल्कि भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता है।

खोज 

चंद्रयान-2 ने यह लगाया पता 

चंद्रयान-2 के एक पेलोड चंद्रा के एटमॉस्फेरिक कंपोजिशनल एक्सप्लोरर 2 (CHACE-2) ने चंद्र बाह्यमंडल पर सौर CME के प्रभावों को सफलतापूर्वक रिकॉर्ड किया है। इस उपकरण का प्राथमिक लक्ष्य चंद्रमा के वायुमंडल में उदासीन गैसों की संरचना और वितरण का अध्ययन करना और यह देखना कि समय के साथ उनमें कैसे परिवर्तन होता है। यह अवलोकन इस बात पर प्रकाश डालता है कि अंतरिक्ष का मौसम हमारे प्राकृतिक उपग्रह की सतह को कैसे प्रभावित करता है।

निष्कर्ष 

आंकड़ों से निकला यह निष्कर्ष

CHACE-2 से प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि जब एक सौर CME चंद्रमा से टकराया तो चंद्रमा के वायुमंडल के कुल दबाव में वृद्धि हुई। इन प्रेक्षणों से प्राप्त संख्या घनत्व में एक परिमाण से भी अधिक की वृद्धि हुई। यह प्रेक्षण ऐसे प्रभाव की भविष्यवाणी करने वाले पहले के सैद्धांतिक मॉडलों से मेल खाता है, लेकिन यह पहली बार है कि चंद्रयान-2 पर मौजूद CHACE-2 ने इस घटना को प्रत्यक्ष रूप से देखा है।

लॉन्च 

कब लॉन्च हुआ था मिशन?

श्रीहरिकोटा से 22 जुलाई, 2019 को GSLV-MkIII-M1 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित चंद्रयान-2 मिशन 8 वैज्ञानिक पेलोड से लैस था। 20 अगस्त, 2019 को इसने चंद्रमा की दीर्घवृत्ताकार कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया। 7 सितंबर को लैंडिंग के प्रयास के दौरान विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बावजूद ऑर्बिटर लगभग 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर एक स्थिर कक्षा में सामान्य रूप से कार्य कर रहा है।