
ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टरों की बड़ी सफलता, नकली दिल के साथ 105 दिनों तक जीवित रहा व्यक्ति
क्या है खबर?
ऑस्ट्रेलिया में डॉक्टरों ने हार्ट ट्रांसप्लांट करके एक बड़ी सफलता हासिल की है।
रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के एक 40 वर्षीय व्यक्ति को पूरी तरह से आर्टिफिशियल दिल लगाया गया और वह ऐसे ऑपरेशन के बाद अस्पताल से छुट्टी पाने वाला दुनिया का पहला मरीज बन गया।
इस मरीज को गंभीर बिमारी थी और उसे नवंबर, 2024 में सिडनी के सेंट विंसेंट अस्पताल में 'बिवैकॉर टोटल आर्टिफिशियल हार्ट' लगाया गया।
काम
चुंबकीय तकनीक से काम करता है यह हृदय
बिवैकॉर टोटल आर्टिफिशियल दिल को क्वींसलैंड के डॉ. डैनियल टिम्स ने विकसित किया है।
डिवाइस डोनर दिल मिलने तक मरीज को जीवित रखने के लिए डिजाइन की गई है। यह दुनिया का पहला रोटरी रक्त पंप है, जो मैग्नेटिक लेविटेशन तकनीक से काम करता है। यह प्राकृतिक हृदय की तरह रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है।
डॉक्टरों का मानना है कि भविष्य में यह डोनर दिल की जरूरत को काफी हद तक कम कर सकता है।
परीक्षण
अमेरिका में भी हो चुके हैं परीक्षण
बिवैकॉर डिवाइस का परीक्षण अमेरिका में भी हुआ था।
2023 में अमेरिका में 5 मरीजों को यह नकली हृदय लगाया गया, लेकिन वहां सभी को जल्द ही डोनर दिल मिल गया। ऑस्ट्रेलियाई मरीज को 105 दिनों तक टाइटेनियम से बने इस डिवाइस के साथ रखा गया, जो अब तक का सबसे लंबा समय है।
इस तकनीक को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह गंभीर हृदय रोगियों के लिए जीवनरक्षक साबित हो सकती है।
योजना
भविष्य में और सुधार की योजना
सर्जन पॉल जैन्स और उनकी टीम ने कहा कि यह ऑपरेशन ऑस्ट्रेलिया के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
उनका मानना है कि अगले 10 वर्षों में आर्टिफिशियल दिल तकनीक इतना उन्नत हो जाएगी कि यह उन मरीजों के लिए एक स्थायी समाधान बन सकता है, जिन्हें डोनर दिल नहीं मिल पाता।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अभी इस तकनीक को और विकसित करने की जरूरत है, क्योंकि प्राकृतिक हृदय की तुलना में इसकी कार्य क्षमता कम है।