राष्ट्रीय रोग निगरानी में मददगार बना AI टूल, जारी किए 5,000 से अधिक अलर्ट
क्या है खबर?
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) की ओर से 2022 में तैनात एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल ने स्थापना के बाद से स्वास्थ्य अधिकारियों को रियल टाइम में संक्रामक प्रकोपों के 5,000 से अधिक अलर्ट जारी करने में मदद की है। हेल्थ सेंटिनल नामक इस टूल को दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा AI समाधान प्रदाता वाधवानी AI की ओर से विकसित किया गया है। यह प्रकोप का पता लगाने में 98 प्रतिशत मैनुअल कार्यभार को कम करने में मदद कर सकता है।
तरीका
इस तरह काम करता है यह टूल
भारत के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के तहत प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया में प्रकाशित समाचार रिपोर्ट्स को मीडिया स्कैनिंग और सत्यापन टूल द्वारा असामान्य स्वास्थ्य घटनाओं के लिए स्कैन किया जाता है। फिर आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई के लिए अधिकारियों के साथ शेयर किया जाता है। हेल्थ सेंटिनल 13 भाषाओं में मीडिया रिपोर्ट्स और समाचार लेखों को स्कैन करता है। बता दें, लगभग 200 देश राष्ट्रीय रोग निगरानी सिस्टम संचालित करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं।
अलर्ट
कितने समाचार लेखों काे किया स्कैन?
वाधवानी AI के लेखकों ने PTI को बताया कि अप्रैल 2022 से अब तक हेल्थ सेंटिनल ने 30 करोड़ से अधिक समाचार लेखों को स्कैन किया है और पूरे भारत में 95,000 से अधिक स्वास्थ्य घटनाओं की पहचान की है। इनमें से 3,500 से अधिक घटनाओं (4 प्रतिशत) को NCDC के सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से संभावित प्रकोप के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। अप्रैल, 2022 से अप्रैल, 2025 के बीच 5,000 से ज्यादा रीयल-टाइम अलर्ट भेजे हैं।
कारण
इस कारण किया टूल का उपयोग
अध्ययन में बताया है कि रोगों को लेकर प्रतिदिन प्रकाशित लेखों की संख्या में वृद्धि के कारण मैनुअल कार्यभार बढ़ने पर हेल्थ सेंटिनल टूल का प्रस्ताव रखा गया। यह लेखों से असामान्य स्वास्थ्य घटनाओं या प्रकोपों की जानकारी निकालने के लिए AI का उपयोग करता है। शोध दल ने पाया कि 2024 में राष्ट्रीय निगरानी सिस्टम की ओर से प्रकाशित 96 प्रतिशत घटनाओं को AI टूल से निकाला गया, जबकि 4 प्रतिशत मैनुअल स्कैनिंग के माध्यम से सामने आईं।