LOADING...
AI चैटबॉट से मानसिक स्वास्थ्य को है बड़ा खतरा, विशेषज्ञों ने जताई चिंता 
AI चैटबॉट से मानसिक स्वास्थ्य पर खतरा

AI चैटबॉट से मानसिक स्वास्थ्य को है बड़ा खतरा, विशेषज्ञों ने जताई चिंता 

Sep 08, 2025
03:30 pm

क्या है खबर?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के कारण बड़े स्तर पर कई क्षेत्रों में काम काफी तेज और आसान हुए हैं। हालांकि, विशेषज्ञ AI से पैदा होने वाले बड़े खतरों को लेकर काफी चिंतित भी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मशीन इंटेलिजेंस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष नैट सोरेस ने कहा कि चैटबॉट्स का मानसिक स्वास्थ्य पर अप्रत्याशित असर यह चेतावनी देता है कि भविष्य में सुपर-इंटेलिजेंस बनने पर स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है।

मामला

चैटबॉट और किशोर की मौत का मामला 

सोरेस ने अमेरिकी किशोर एडम रैन के मामले का जिक्र किया, जिसने OpenAI के चैटबॉट ChatGPT से महीनों बातचीत के बाद आत्महत्या की। उनका कहना है कि AI का यह व्यवहार तकनीक के निर्माताओं की इच्छा नहीं थी, लेकिन यही समस्या का मूल है। इस घटना ने दिखाया कि जैसे-जैसे AI और स्मार्ट होगा, उसके नकारात्मक असर और भयावह रूप में सामने आ सकते हैं, जिन पर तुरंत नियंत्रण जरूरी है।

खतरा 

सुपर-इंटेलिजेंस का बढ़ता खतरा 

सोरेस और उनके सह-लेखक एलीजर युडकोव्स्की ने नई किताब में बताया है कि सुपर-इंटेलिजेंस इंसानों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसमें एक AI सिस्टम सेबल का उदाहरण दिया गया है, जो इंटरनेट पर फैलकर इंसानों से छेड़छाड़ करता है, वायरस बनाता है और अंततः मानवता को खत्म कर देता है। उन्होंने कहा कि कंपनियां सुपर-इंटेलिजेंस की होड़ में हैं, लेकिन यह दौड़ इंसानों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

Advertisement

जरूरत

सरकारों को कड़े कदम उठाने की जरूरत

सोरेस ने चेतावनी दी कि AI के खतरे को रोकने के लिए सरकारों को तुरंत नीतिगत कदम उठाने होंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि परमाणु हथियारों की तरह AI पर भी वैश्विक स्तर पर प्रतिबंध और नियंत्रण होना चाहिए। वहीं, मनोचिकित्सकों ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए AI चैटबॉट्स पर निर्भर लोग खतरनाक स्थिति में पहुंच सकते हैं। विशेषज्ञों ने कंपनियों को सुरक्षा उपाय कड़े करने की सलाह दी है, ताकि भविष्य के जोखिमों को टाला जा सके।

Advertisement