अंतरिक्ष में 3 दिन में ही यात्रियों के शरीर और दिमाग पर पड़ सकता है प्रभाव
अंतरिक्ष यात्री आमतौर पर किसी भी मिशन पर हफ्ते भर या कई बार उससे भी अधिक समय अंतरिक्ष में बीतते ही हैं। हाल ही में एक अध्ययन में पता चला है कि अंतरिक्ष में केवल 3 दिन का समय बिताने के बाद ही अंतरिक्ष यात्रियों ने शारीरिक और मानसिक बदलाव का अनुभव किया। इन बदलावों में कंजिटिव टेस्ट (दिमाग से सम्बंधित टेस्ट) में मामूली गिरावट, स्ट्रेस इम्यून सिस्टम और उनकी कोशिकाओं के भीतर आनुवंशिक परिवर्तन शामिल थे।
4 अंतरिक्ष यात्रियों को हुआ समान अनुभव
वैज्ञानिकों ने मंगलवार (11 जून) को नेचर जर्नल और कई अन्य संबंधित पत्रिकाओं में प्रकाशित शोधपत्रों के एक पैकेज में बताया कि सितंबर 2021 में पृथ्वी से बाहर 3 दिन बिताने वाले 4 लोगों ने एक ही समान शारीरिक और मानसिक बदलावों का अनुभव किया। इस अध्ययन से एक बात साफ हो जाती है कि अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव बहुत ही कम समय में भी पड़ सकता है।
हमेशा के लिए खराब हो सकता है गुर्दा
एक अन्य अध्ययन में हाल ही में पाया गया है कि मंगल ग्रह और चंद्रमा पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को गुर्दे से जुड़ी गंभीर समस्या हो सकती है। अध्ययन के अनुसार, मंगल ग्रह या चंद्रमा जितनी दूरी पर अंतरिक्ष में जाने से यात्रियों को दर्दनाक गुर्दे की पथरी हो सकती है। इसके साथ ही उन्हें डायलिसिस की भी आवश्यकता पड़ सकती है। अंतरिक्ष यात्रियों पर संभावित स्वास्थ्य प्रभावों का यह अध्ययन यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने किया है।