सावरकर पर राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस को होगा नुकसान? उद्धव ठाकरे ने जताई आपत्ति
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर का अपमान नहीं करने की चेतावनी दी है।
उद्धव ने कहा कि राहुल के बयानों से कांग्रेस के साथ महा विकास गठबंधन में दरार पैदा हो सकती है।
उद्धव राहुल के उस बयान का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह सावरकर नहीं गांधी हैं और गांधी कभी माफी नहीं मांगते हैं।
बयान
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा?
उद्धव ने कहा, "शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का गठबंधन लोकतंत्र की रक्षा के लिए बना था और हमें एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। राहुल गांधी को जानबूझकर उकसाया जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "सावरकर हमारे भगवान हैं। उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम साथ मिलकर लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमारे देवताओं का अपमान करना ऐसी चीज नहीं है, जिसे हम बर्दाश्त करेंगे।"
बयान
राहुल पहले भी सावरकर पर कर चुके हैं टिप्पणी
गौरतलब है कि राहुल पहले भी वीर सावरकर को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध चुके हैं, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था।
राहुल ने पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र में आदिवासियों की जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि एक तरफ बिरसा मुंडा जैसी महान शख्सियत हैं, जो अंग्रेजों के सामने नहीं झुकी थे, जबकि दूसरी तरफ सावरकर हैं, जो अंग्रेजों से माफी मांग रहे थे।
तब भी शिवसेना ने उनके बयान पर आपत्ति जताई थी।
विवाद
क्या सावरकर ने अंग्रेजों से मांगी थी माफी?
स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को अंडमान और निकोबार द्वीप में काला पानी की सजा हुई थी।
कांग्रेस समय-समय पर आरोप लगाती रही है कि पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल में बंद वीर सावरकर ने अपनी सजा से बचने के लिए अंग्रेजों को कई बार माफी पत्र लिखा था, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।
इस बात पर कई बार विवाद हो चुका है और भाजपा इसे जेल से बाहर आने की सावकर की चाल बताती है।
नुकसान
राहुल के बयान का क्या असर हो सकता है?
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना, कांग्रेस और NCP का एक मजबूत विपक्षी गठबंधन है। हाल ही में कस्बा पेठ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने सहयोग पार्टियों की मदद से भाजपा के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की थी।
राहुल के सावरकर के बयान पर उद्धव के कड़े रुख के बाद महा विकास अघाड़ी के गठबंधन में फूट आ सकती है, जो भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगा।
इससे कांग्रेस महाराष्ट्र में और सिमट सकती है।
अहमियत
शिवसेना सावरकर को इतना क्यों मानती है?
विवादों के बावजूद सावरकर का महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा स्थान है। हिंदुत्व की विचारधारा का जनक होने के कारण सावरकर शिवसेना के लिए काफी अहमियत रखते हैं।
शिवसेना हमेशा से वीर सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर पेश करती रही है और उनके मुद्दे पर कभी भी समझौता नहीं करने की बात कहती रही है।
शिवसेना की तरफ से कई बार सावरकर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग भी होती रही है।
परिचय
कौन थे वीर सावरकर?
वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सबसे विवादित शख्सियतों में से एक हैं। सेलुलर जेल से रिहा होने के बाद सावरकर ज्यादा सुर्खियों में नहीं रहे और न ही उन्होंने अंग्रेजों का खुलकर विरोध किया था।
सावरकर को हिंदुत्व की विचारधारा का जनक भी माना जाता है और कांग्रेस लगातार उनका विरोध करती रही है। दूसरी तरफ हिंदुत्व की विचारधारा पर चलने वाली भाजपा के लिए सावरकर वैचारिक गुरू की तरह हैं।