
राजीव चंद्रशेखर बनेंगे केरल भाजपा के अध्यक्ष, भाजपा ने कैसे साधे समीकरण और क्या हैं चुनौतियां?
क्या है खबर?
भाजपा पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को केरल अध्यक्ष नियुक्त करने जा रही है।
तिरुवनंतपुरम में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में राजीव को इस पद के लिए नामित किया गया है। माना जा रहा है कि 24 मार्च को उनकी नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
केरल में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजीव की नियुक्ति अहम है। आइए जानते हैं उन्हें ये जिम्मेदारी क्यों मिली है।
पंसद
राजीव क्यों बने सबसे पसंदीदा चेहरा?
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय पदाधिकारी आर बालाशंकर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "राजीव व्यापक रूप से स्वीकार्य हैं। वे पारंपरिक राजनीतिक व्यक्तित्व से एक नया बदलाव हैं और एक सफल टेक्नोक्रेट-उद्यमी के साथ-साथ एक अनुभवी राजनीतिज्ञ के रूप में सम्मानित हैं। वे लंबे समय से राज्यसभा सांसद हैं और चुनावी रूप से स्वीकार्य चेहरा हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में देखा था कि उन्होंने तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ा और सीट लगभग जीत ली थी।"
जाति समीकरण
कैसे साधे गए जातिगत समीकरण?
राजीव नायर समुदाय से आते हैं। केरल में इनकी आबादी करीब 14 प्रतिशत है। इसके अलावा राजीव के एझावा समुदाय के नेता वेल्लपल्ली नटेसन और उनके परिवार के साथ भी अच्छे संबंध हैं।
भाजपा का मानना है कि वे भारत धर्म जन सेना (BDJS) के साथ गठबंधन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
भाजपा को राजीव से ईसाई समुदाय को साधने की भी उम्मीद है, क्योंकि इनकी राज्य में करीब 19 प्रतिशत आबादी है।
गुट
क्या गुटबाजी साध पाएंगे राजीव?
केरल भाजपा में 2 गुट माने जाते हैं- एक निवर्तमान अध्यक्ष के सुरेंद्रन और दूसरा वरिष्ठ नेता पीके कृष्णदास का।
दावा है कि राजीव को दोनों गुटों से परेशान नेताओं का समर्थन मिला है।
ओनमनोरमा से एक नेता ने कहा, "दोनों गुटों के नेताओं ने लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे लोगों को नजरअंदाज़ किया है। अब राष्ट्रीय नेतृत्व को यकीन हुआ है कि पार्टी में नेतृत्व की अनदेखी परत को सामने लाने की जरूरत है।"
चुनौती
राजीव के सामने क्या हैं चुनौतियां?
राजीव के लिए पहले चुनौती अक्टूबर में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव होंगे। तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा के प्रदर्शन पर सबका ध्यान रहेगा। पार्टी अपने वोट बैंक वाले नेमम और कझाकूटम विधानसभा क्षेत्रों में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद करेगी।
इसके बाद बड़ी चुनौती अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव हैं।
राजीव के सामने गुटों को साधने की भी चुनौती होगी, क्योंकि केरल भाजपा का एक बड़ा वर्ग उन्हें बाहरी मानता है।
रणनीति
केरल के लिए क्या है भाजपा की रणनीति?
इंडियन एक्सप्रेस से भाजपा के एक सूत्र ने कहा, "भाजपा केरल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना चेहरा बनाने की योजना बना रही है। इसलिए, राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व को एक साथ लाया जा रहा है। अगर मोदी के व्यक्तित्व और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति केरल की राजनीति को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाती है तो हमें ऐसे नेता की जरूरत है, जिसके पास भाजपा के विकास की राजनीति के एजेंडे का राष्ट्रीय दृष्टिकोण हो।"