बिहार सरकार लालू के परिवार से 10 सर्कुलर रोड आवास क्यों ले रही है वापस?
क्या है खबर?
बिहार की राजधानी पटना के पॉश इलाके में बने 10 सर्कुलर रोड आवास से अपनी राजनीति चलाने वाले लालू प्रसाद यादव के परिवार को अब यह बंगला खाली करना होगा। विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद लौटी नीतीश कुमार सरकार ने 20 साल बाद लालू की पत्नी राबड़ी देवी के नाम पर आवंटित इस बंगले को खाली करने का नोटिस दिया है। बिहार की राजनीति का केंद्र रहे इस बंगले के पीछे की क्या कहानी है? आइए, जानते हैं।
आवंटन
कब से रह रहा लालू परिवार?
बिहार में 2005 से पहले करीब 15 साल लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी का शासन था। जब राबड़ी मुख्यमंत्री थीं, तब उन्हें 1 अणे मार्ग स्थित सरकारी आवास मिला था। वर्ष 2005 में हार के बाद लालू-राबड़ी विपक्ष में आए। तब नीतीश मुख्यमंत्री के तौर पर अणे मार्ग स्थित आवास में शिफ्ट हुए और राबड़ी को बतौर नेता प्रतिपक्ष 10 सर्कुलर रोड आवास दिया गया। यह आवास मुख्यमंत्री आवास के ठीक बगल में है।
सत्ता
सत्ता और विपक्ष के कामकाज पर नजर
तब से लेकर आज तक लालू यादव का पूरा परिवार लगातार 10 सर्कुलर रोड आवास पर ही रहता आ रहा है। राबड़ी की राजनीतिक भूमिका चाहे जो भी रही हो, लेकिन यह बंगला उनसे नहीं लिया गया। यह धीरे-धीरे राज्य में सबसे ज्यादा राजनीतिक रूप से देखे जाने वाले ठिकानों में से एक बन गया। कहा जाता है कि मुख्यमंत्री आवास के ठीक बगल में होने से यहां से सत्ता और विपक्ष के कामकाज पर पूरी नजर होती है।
झटका
तेजस्वी के कारण लगा बड़ा झटका?
वर्ष 2015 में जब महागठबंधन सत्ता में आया, तो तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने और उन्हें 5 देशरत्न मार्ग स्थित आवास मिला। तब उन्होंने बंगले का काफी नवीनीकरण किया था। उपमुख्यमंत्री और भवन निर्माण मंत्री के रूप में तेजस्वी के विभाग ने 5 देशरत्न मार्ग उपमुख्यमंत्री के लिए स्थायी आवास बना दिया, लेकिन 2017 में नीतीश के पाला बदलते ही तेजस्वी को देशरत्न मार्ग बंगला खाली करने को कह दिया गया। इसे तेजस्वी ने पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
फैसला
कोर्ट के फैसले से पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करना पड़ा बंगला
हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश की पीठ से उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने मुख्य न्यायाधीश एपी साही और न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की। लंबी बहस के बाद फरवरी 2019 को फैसला आया कि तेजस्वी को 5 देशरत्न मार्ग खाली करना होगा और राज्य को सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगला, वाहन, सुरक्षा और स्टाफ सुविधाएं वापस ली जाएंगी। इसका असर न केवल तेजस्वी, बल्कि राबड़ी, जगन्नाथ मिश्रा और जीतनराम मांझी पर भी पड़ा।
राहत
राबड़ी अब तक सर्कुलर रोड आवास में क्यों थीं?
जब कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगला वापस ले लिया था, तब राबड़ी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से 10 सर्कुलर रोड में रह रही थीं। इसलिए उन्हें बंगले से नहीं हटाया गया। हालांकि, 2005 के बाद बिहार में सरकार आती-जाती रही, लेकिन कभी नीतीश ने राबड़ी देवी से बंगला नहीं लिया, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। भाजपा इस बार मजबूत हुई है और उसका प्रभाव कैबिनेट से लेकर फैसलों में दिख रहा है।
आवंटन
अब कहां रहेगा लालू यादव का परिवार?
नेता प्रतिपक्ष होने के नाते राबड़ी को अब 39 हार्डिंग रोड स्थित आवास आवंटित है, जिसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। लालू परिवार के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं बचा कि वह 10 सर्कुलर रोड के आकार का बंगला मांग सकें क्योंकि हाई कोर्ट ने 2019 के फैसले से ऐसे विशेषाधिकार वापस ले लिए हैं। लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप को भी स्ट्रैंड रोड बंगला छोड़ना होगा। तेजस्वी अपने माता-पिता के साथ सर्कुलर रोड आवास पर रहते थे।